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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस हमलावर, 29 जून को दौरे पर जाएंगे राहुल गांधी, अब तक 120 की मौत

Manipur Violence Update: कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर पिछले लगभग 2 महीने से जल रहा है. वहां शांति की जरूरत है ताकि समाज संघर्ष से शांति की ओर लौट सके.

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस हमलावर, 29 जून को दौरे पर जाएंगे राहुल गांधी, अब तक 120 की मौत

Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra 

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डीएनए हिंदी: मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार हमलावर है. राज्य में अब तक 120 लोगों को मौत हो चुकी है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मणिपुर दौरे पर जा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार (27 जून) को ट्वीट कर जानकारी दी कि राहुल गांधी 29-30 जून दो दिवसीय मणिपुर के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे और राहत शिविरों रह रहे लोगों से भी मिलेंगे.

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मणिपुर पिछले लगभग 2 महीने से जल रहा है. वहां शांति की जरूरत है ताकि समाज संघर्ष से शांति की ओर लौट सके. यह एक मानवीय त्रासदी है. हमारी जिम्मेदारी है कि हम नफरत की नहीं बल्कि प्यार की ताकत बनें. कांग्रेस लगातार पूर्वोत्तर में जारी हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठा रही है. उनका कहना है कि मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी ने अभी तक कुछ नहीं बोला है. कांग्रेस ने पीएम के अमेरिका दौरे को लेकर भी निशाना साधते हुए कहा था कि मणिपुर में लोग मर रहे हैं और वो विदेश दौरे पर जा रहे हैं.

सेना ने वीडियो जारी कर की शांति की अपील
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत से भड़की जातीय हिंसा में अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, सेना ने लोगों से मणिपुर में शांति बहाल करने में उनकी मदद करने का आग्रह करते हुए कहा कि हिंसा प्रभावित इस पूर्वोत्तर राज्य में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं. सेना के ‘स्पीयर्स कोर’ ने सोमवार देर रात ट्विटर पर ऐसी कुछ घटनाओं का एक वीडियो साझा किया और कहा कि इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप सुरक्षा बलों को समय पर जरूरी कार्रवाई करने से रोकता है.

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यह बयान इंफाल ईस्ट जिले के इथम गांव में सेना और महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ के बीच गतिरोध के दो दिन बाद आया है, जिसके कारण सुरक्षा बलों को वहां छिपे 12 उग्रवादियों को जाने देने के लिए मजबूर होना पड़ा था. ‘स्पीयर्स कोर’ ने ट्वीट किया, ‘मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं. इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप गंभीर परिस्थितियों के दौरान जान-माल का नुकसान रोकने के लिए सुरक्षा बलों को समय पर जरूरी कार्रवाई करने से रोकता है.’ उसने कहा, ‘‘ भारतीय सेना सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है. मणिपुर की मदद करने में हमारी सहायता करें.’ 

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KYKL मेइती उग्रवादी ग्रुप
अधिकारियों ने बताया था कि इंफाल ईस्ट के इथम गांव में महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार को गतिरोध के बाद सेना ने नागरिकों की जान जोखिम में न डालने का ‘‘परिपक्व फैसला’’ किया और बरामद किए गए हथियारों व गोला-बारूद के साथ वहां से हट गए. इससे ही यह गतिरोध खत्म हो पाया. सुरक्षा बलों ने इथम गांव को शनिवार को घेर लिया था, जहां प्रतिबंधित मेइती उग्रवादी समूह कांगलेई योल कान-ना लुप (केवाईकेएल) के 12 सदस्य छिपे हुए थे. इस कार्रवाई के बाद भीड़ और सैनिकों के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ था. केवाईकेएल एक मेइती उग्रवादी समूह है, जो 2015 में छह डोगरा इकाई पर घात लगाकर किए गए हमले सहित कई हमलों में शामिल रहा है. (भाषा इनपुट के साथ)

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