Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

'पिता की सीख और शायराना अंदाज', मनीष सिसोदिया ने कुछ इस तरह लिखा 3 पन्नों का इस्तीफा

मनीष सिसोदिया ने अपने इस्तीफे में लिखा कि दिल्ली के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि पिछले 8 साल में मैंने अपना कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी से किया है.

 'पिता की सीख और शायराना अंदाज', मनीष सिसोदिया ने कुछ इस तरह लिखा 3 पन्नों का इस्तीफा

मनीष सिसोदिया 

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिदीं: दिल्ली की शराब नीति के मामले में गिरफ्तार हुए मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. सिसोदिया ने तीन पन्नों का इस्तीफा सीएम अरविंद केजरीवाल को भेजा. इस दौरान इस्तीफे में सिसोदिया ने अपने पिता का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा कि दिल्ली के लोग अच्छे से जानते हैं कि मैंने 8 साल मंत्री रहते हुए पूरी ईमानदारी से काम किया. मेरे स्वर्गीय पिता ने मुझे हमेशा ईमानदारी और निष्ठा से काम करने की सीख दी.सिसोदिया ने साथ ये भी लिखा, 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है.'

दिल्ली के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि पिछले आठ वर्षों के दौरान एक मंत्री के रूप में मैंने अपना कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया है. मेरे स्वर्गीय पिता ने मुझे अपना काम हमेशा ईमानदारी और निष्ठा के साथ पूर्ण करने की शिक्षा दी थी. जब मैं छठवीं क्लास में पढ़ता था तो मेरे पिता ने मुझे भगवान कृष्ण की एक बहुत ही सुंदर सी तस्वीर फ्रेम कराकर मेरे बिस्तर के सामने लगाई थी और कहा था कि मैं रोजाना उठकर सबसे पहले भगवान कृष्ण को प्रणाम किया करूं. इस तस्वीर में उन्होंने अपनी तरफ से नीचे एक वाक्य लिखा था- 'अपने काम को ईमानदारी और निष्ठा से पूर्ण करना ही सच्ची कृष्ण पूजा है.'

ये भी पढ़ें- क्या सिसोदिया की गिरफ्तारी में है केजरीवाल की साजिश? जानें अलका लांबा ने क्यूं लगाया आरोप

पिता की सिख का किया जिक्र
मनीष सिसोदिया ने अपने बचपन का जिक्र करते हुए लिखा, 'जब में छटवीं कक्षा में पढ़ता था तो मेरे पिता ने मुझे भगवान श्री कृष्ण की एक बहुत सुंदर तस्वीर फ्रेम करकार मेरे बेडरूम में लगाई थी. उन्होंने कहा था कि सुबह उठते ही मैं सबसे पहले भगवान को प्रणाम किया करूं. इस तस्वीर के नीचे एक वाक्य लिखा था, 'अपने काम को ईमानदारी और निष्ठा से पूर्णा करना ही सच्ची कृष्ण पूजा है.'  उन्होंने आगे लिखा कि 6वीं से लेकर 12वीं क्लास तक पढ़ने के दौरान रोजाना सुबह उठते ही मेरी नजर उस तस्वीर पर जाती और मैं अपने पिता के लिखे हुए उस शिक्षा वाक्य को पढ़ता रहा. आज मुझे लगता है कि मेरे पिता ने बहुत सोच समझकर ये वाक्य लिखे होंगे.

manish sisodia resignation

पढ़ें- मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने छोड़ा मंत्री पद, यहां तक कैसी पहुंची बात? 5 प्वाइंट्स में समझें

केजरीवाल के सच्चाई से घबराई बीजेपी
सिसोदिया ने लिखा कि मेरे माता-पिता द्वारा दिए गए अच्छे संस्कार की वजह से आज मुझमें ईमानदारी और निष्ठा मेरे संस्कार में है. दुनिया की कोई ताकत मुझसे बेईमानी नहीं करा सकती और न ही अपने काम के प्रति मेरी निष्ठा को कम कर सकती है. यह बहुत दुखद है कि 8 साल तक लगातार ईमानदारी और सत्य निष्ठा से काम करने के बावजूद मेरे ऊपर झूठे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं. आरोप लगाने वाले केजरीवाल की सच्ची राजनीति से घबराए हुए हैं. कायर और कमजोर लोगों की साजिश से ज्यादा और कुछ नहीं है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement