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National Herald Case में ED का एक्शन, सोनिया और राहुल गांधी को भेजा समन

प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड केस में बड़ी कार्रवाई की है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एजेंसी ने समन भेजा है.

National Herald Case में ED का एक्शन, सोनिया और राहुल गांधी को भेजा समन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी. (फाइल फोटो-PTI)

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डीएनए हिंदी: नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को समन भेजा है. 

प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों नेताओं को समन भेजकर तलब किया है. अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जांच एजेंसी के सामने पेश होना होगा. नेशनल हेराल्ड केस (National Herald case) को साल 2015 में ईडी ने क्लोज कर दिया था. एक बार फिर दोनों नेताओं से पूछताछ होने वाली है.

2 जून को राहुल और 8 जून को सोनिया से पूछताछ करना चाहता है निदेशालय!

राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ने 2 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है, वहीं सोनिया गांधी से 8 जून को निदेशालय पूछताछ करेगा. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी गुरुवार को पूछताछ के लिए मौजूद नहीं रहेंगे. उन्होंने निदेशालय से और वक्त मांगा है.

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ED के समन पर क्या बोली कांग्रेस?

राहुल गांधी को समन दिए जाने पर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राहुल और सोनिया गांधी के बचाव में उतर आए हैं. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अंग्रेजों से भारतीय जनता पार्टी सरकार की तुलना कर दी है. 

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रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला. अंग्रेजो को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेशनल हेराल्ड पर बैन लगा दिया.'

पीएम मोदी का हथियार है ED

रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हथियार बताया है. उन्होंने कहा, 'आज फिर आज़ादी के आंदोलन के इस आवाज को दबाने का घिनौना षड्यंत्र रचा जा रहा है जिसके मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है और उनका हथियार ED है.'

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड केस, एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड के स्वामित्व वाला अखबार है. कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इस अखबार को कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये का लोन दिया था. 5 लाख रुपये से यंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई जिसमें राहुल और सोनिया गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है. शेष 24 फीसदी हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑक्सकर फर्नांडीज के पास थी.  

10-10 करोड़ के 9 शेयर यंग इंडियन को इसी कपंनी को दिए गए जिसका लोन कंपनी को चुकाना था. 9 करोड़ के शेयर के साथ यंग इंडियन की कंपनी को 99 फीसदी शेयर मिल गए थे. कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया था. पूरा केस इसी धांधली से जुड़ा हुआ है. हेराल्ड हाउस को लेकर फंसे पेच में अब प्रवर्तन निदेशालय के सवालों का जवाब राहुल गांधी और सोनिया गांधी को देना होगा.

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