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पीएम नरेंद्र मोदी ने अशोक गहलोत की शान में पढ़े कसीदे! जानिए क्या कहा

मानगढ़ की पहाड़ी, भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने अशोक गहलोत की शान में पढ़े कसीदे! जानिए क्या कहा

'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' 

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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान में थे. यहां उन्होंने बांसवाड़ा जिले में 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में तीन राज्यों- राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, "अशोक गहलोत जी और मैंने मुख्यमंत्री के रूप में साथ काम किया था. वह हमारे बहुत से मुख्यमंत्रियों में सबसे वरिष्ठ थे, आज भी यहां मंच पर बैठे सभी मुख्यमंत्रियों में से अशोक जी सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री में से एक हैं."

पीएम बोले- देश आदिवासी समाज के बलिदानों का ऋणी
बांसवाड़ा में आयोजित किए गए आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का अतीत एवं वर्तमान आदिवासी समाज के बिना अधूरा है और देश आदिवासी समाज के बलिदानों का ऋणी है. उन्होंने कहा, "भारत का अतीत, भारत का इतिहास, भारत का वर्तमान एवं भारत का भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता."

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उन्होंने कहा, "हम आदिवासी समाज के बलिदानों के ऋणी हैं. हम उनके योगदान के ऋणी हैं. इस समाज ने संस्कृति से लेकर परंपराओं तक भारत के चरित्र को सहेजा एवं संजोया है और अब समय आ गया है कि देश इस ऋण के लिए, इस योगदान के लिए आदिवासी समाज की सेवा कर उन्हें धन्यवाद दे."

क्या है मानगढ़ का महत्व?
मानगढ़ की पहाड़ी, भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया. गोविंद गुरु के नेतृत्व में 17 नवंबर 1913 को 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी. इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चला दी थीं, जिसमें लगभग 1,500 आदिवासियों की जान चली गई थी.

इनपुट- ANI/भाषा

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