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Bihar News: 'सत्ता में आए तो खत्म कर देंगे शराबबंदी', प्रशांत किशोर ने किया बड़ा दावा, जानें इसके सियासी मायने

प्रशांत किशोर ने अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि यदि उनके दल को चुनाव में बहुमत प्राप्त होती है, और उनकी सरकार बनती है तो वो एक घंटे के अंदर ही प्रदेश में जारी शराबबंदी को खत्म कर देंगे. 

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Bihar News: 'सत्ता में आए तो खत्म कर देंगे शराबबंदी', प्रशांत किशोर ने किया बड़ा दावा, जानें इसके सियासी मायने

प्रशांत किशोर

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बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसको लेकर सभी पार्टियां अभी से कमर कस रही हैं. सभी पार्टियों की ओर से इसको लेकर पूरे जोरशोर से तैयारियां चल रही है. इसी क्रम में राज्य की सियासत में नया कदम रखने वाले चुनावी रणनीतिज्ञ प्रशांत किशोर भी पूरी तरह से मैदान सजाने में लगे हुए हैं. उन्होंने इसको लेकर एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि यदि उनके दल को चुनाव में बहुमत प्राप्त होती है, और उनकी सरकार बनती है तो वो एक घंटे के अंदर ही प्रदेश में जारी शराबबंदी को खत्म कर देंगे. 

प्रशांत किशोर ने मीडिया के सामने रखी अपनी बात
उन्होंने मीडिया को इस संदर्भ में बताया. प्रशांत किशोर के दल का नाम जन सुराज पार्टी है. उन्होंने कहा कि 'अपनी सरकार बनते ही एक घंटे के अंदर शराबबैन को खत्म कर दिया जाएगा.' साथ ही उन्होंने राज्य के दूसरे मुद्दों पर भी बात की. वो पहले भी जाति की राजनीति पर भी कटाक्ष कर चुके हैं. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार ने बिहार में जाति के नाम वोट लेते हैं, फिर चुनाव के बाद लोगों को रेजगार के लिए दूसरे राज्य की ओर पलायन करना पड़ता है, क्योंकि बिहार में रोजगार पैदा करने के लिए इन नेताओं की तरफ से अब तक कुछ नहीं किया गया है. 

प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को बताया अप्रभावी
प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को लेकर आगे बताया कि इसका निर्णय नीतीश कुमार ने लिया था, ये निर्णय पूरी तरह से ढकोसला साबित हुआ है. इस दौरान उन्होंने जमकर बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे अप्रभावी बताया. साथ ही उन्होंने बताया कि शराबबैन की वजह से गैरकानूनी तरीके से घरेलू शराब का निर्माण बढ़ा है., और प्रदेश को 20,000 करोड़ रुपये के संभावित उत्पाद शुल्क कर से दूर कर दिया गया है. इसके लिए उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों को जिम्मेदार माना है. उन्होंने आगे बताया कि वो 'काबिलियत की राजनीति' में यकीन करते हैं. शराबबंदी को लेकर दिया गया उनके बयान के बड़े सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं. बिहार में एक बड़ी आबादी शराबबंदी के खिलाफ है, उसकी बड़ी वजह अवैध शराब के व्यापार में आई तेजी है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक प्रशांत किशोर उस तबके को साधने में लगे हुए हैं.

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