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पंजाब में भी मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल, बनवारी लाल पुरोहित बोले- जब तक यहां हूं हेलिकॉप्टर से नहीं चलूंगा

Punjab CM vs Governor: पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान पर पलटवार करते हुए यह कह दिया है कि अब वे सरकारी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल ही नहीं करेंगे.

पंजाब में भी मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल, बनवारी लाल पुरोहित बोले- जब तक यहां हूं हेलिकॉप्टर से नहीं चलूंगा

Bhagwant Mann vs Banwarilal Purohit

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डीएनए हिंदी: पंजाब में भी मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल का संघर्ष और जुबानी जंग शुरू हो गई है. अब मुख्यमंत्री भगवंत मान पर पलटवार करते हुए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा है कि जब तक वह पंजाब में हैं, तब तक वह सरकारी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे. दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी पर भी आरोप लगते रहे हैं कि भगवंत मान के सरकारी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल अरविंद केजरीवाल अपने निजी इस्तेमाल के लिए कर रहे हैं. खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ इसी वजह से भगवंत मान को अपने साथ रखते हैं.

राज्यपाल पुरोहित ने विशेष रूप से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुझे एक हेलीकॉप्टर दिया गया है. मैंने इसे आधिकारिक ड्यूटी के लिए इस्तेमाल किया था न कि निजी इस्तेमाल के लिए और सीमा क्षेत्र का दौरा किया, जिसमें पंजाब के अधिकारी भी मेरे साथ थे. अब मैंने घोषणा की है कि जब तक मैं पंजाब में हूं, मैं पंजाब सरकार के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करूंगा.' पुरोहित ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में उनका मजाक उड़ाया और कहा कि राज्यपाल इतने सारे प्रेम पत्र लिख रहे हैं.

पंजाब ने कुलपति नियुक्त करने के नियमों को बदला
बनवारीलाल पुरोहित ने कहा, 'ये एक मुख्यमंत्री के शब्द हैं. राज्यपाल को राज्य के मामलों के बारे में सीएम से जानकारी मांगने का अधिकार है. मैंने उनका व्यक्तिगत विवरण नहीं मांगा है. उन्हें संविधान और संविधान के अनुसार मेरे सभी पत्रों का जवाब देना है.' एक दिन पहले विधानसभा ने सर्वसम्मति से पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया, जिसमें मुख्यमंत्री के पास राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर की शक्तियां निहित थीं.

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सदन के पटल पर बहस का सारांश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराएं और विरासत है, जिसे युवा पीढ़ी के बीच बनाए रखने की आवश्यकता है. इसके लिए शिक्षण संस्थान, विशेषकर विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. मान ने यह भी याद किया कि कैसे विश्वविद्यालयों ने विभिन्न क्षेत्रों में महान बुद्धिजीवियों, कलाकारों और अन्य प्रतिष्ठित लोगों को पैदा किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विरासत को आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों में उच्च सत्यनिष्ठा, विवेक और ख्याति प्राप्त लोगों को कुलपति नियुक्त करने की जरूरत है.

जारी है सीएम और गवर्नर का तनाव
भगवंत मान ने कहा था, 'राज्यपाल, जो इस राज्य से नहीं हैं और इसके इतिहास और संस्कृति से अवगत नहीं हैं, ने इसमें अनावश्यक बाधाएं पैदा कीं. यह आश्चर्य की बात है कि राज्यपाल राज्य के बारे में कुछ नहीं जानते लेकिन उन्हें कुलपति नियुक्त करने का अधिकार था, जो अनुचित था.' बता दें कि पुरोहित और भगवंत मान के बीच कई महीनों से अनबन चल रही है. पिछले हफ्ते, राज्यपाल ने सीएम मान को पत्र लिखकर उनसे कई पत्रों का जवाब देने के लिए कहा था, जिसमें उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति सहित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी मांगी थी.

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पुरोहित ने अपने पत्र में मान को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री से सूचना मांगना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में है और ऐसा नहीं करने से मान अपने संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करने में असफल होंगे.

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