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NCERT ने बंद कर दी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा योजना, नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप, जानिए क्या है वजह

Rashtriya Pratibha Khoj Pariksha: एनसीईआरटी ने बच्चों को स्कॉलरशिप देने वाली राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा योजना को बंद करने का ऐलान किया है.

NCERT ने बंद कर दी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा योजना, नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप, जानिए क्या है वजह

अब नहीं होगी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा

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डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा योजना (NTSE) की मदद से हर साल स्कूली बच्चों को स्कॉलरशिप मिलती है. अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस परीक्षा पर रोक लगा दी है. अगले आदेश तक इस परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा. कहा जा रहा है कि इस योजना को नए सिरे से शुरू किया जा सकता है जिसमें स्कॉलरशिप की राशि को बढ़ा दिया जाएगा. इस योजना में 11वीं और 12वीं के बच्चों के 1,250 रुपये और ग्रेजुएशन के 2,500 रुपये की स्कॉलरशिप दी जाती है.

इस लोकप्रिय छात्रवृत्ति योजना का वित्तपोषण शिक्षा मंत्रालय करता है. इसे लागू करने का काम एनसीईआरटी करती है. स्कूल और कॉलेज के बच्चों को छात्रवृत्ति देने के लिए आयोजित होने वाली यह परीक्षा हर साल दो चरणों- प्रथम चरण (राज्यस्तरीय) और द्वितीय चरण (राष्ट्रीय स्तर) में आयोजित की जाती है. एनसीईआरटी ने एक आधिकारिक आदेश में कहा है, 'राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित एक केंद्रीय योजना है. एनसीईआरटी एनटीएस योजना के क्रियान्वयन की एजेंसी है. इस योजना को 31 मार्च 2021 तक स्वीकृति दी गई थी.' 

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नए सिरे से शुरू की जा सकती है योजना!
NCERT ने आगे कहा है, 'इस योजना को मौजूदा रूप में आगे लागू करने की स्वीकृति नहीं दी गई है. अगले आदेश तक इस पर रोक लगा दी गई है.' एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय इस योजना को नए सिरे से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से इसकी समीक्षा कर रहा है. परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'NTSE परीक्षा को नए सिरे से पेश करने पर चर्चा चल रही है, जिसमें ज़्यादा से ज़्यादा छात्रों को फायदा पहुंचाने और छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने के साथ ही छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाना शामिल है.'

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हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई है. यह परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी और 11 अन्य भारतीय भाषाओं में कराई जाती है. यह स्कॉलरशिप विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई कर रहे छात्रों को डॉक्टरेट स्तर तक के और मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में द्वितीय डिग्री स्तर तक दी जाती है. इसमें, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को हर महीने 1,250 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को हर महीने 2,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है.

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