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Sidhu Moose Wala की अंतिम अरदास में मां ने की पेड़ लगाने की अपील, कहा- उसे जाने नहीं देना है

रिपोर्ट्स के मुताबिक आज पंजाब के मानसा में सिद्धू मूसेवाला के लिए गुरुद्वारे में रखी गई अंतिम अरदास में एक लाख लोगों के भीड़ जुटी है.

Sidhu Moose Wala की अंतिम अरदास में मां ने की पेड़ लगाने की अपील, कहा- उसे जाने नहीं देना है

Sidhu moosewala

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डीएनए हिंदी: बुधवार को पंजाब के मानसा में सिद्धू मूसेवाला के लिए गुरुद्वारे में अंतिम अरदास आयोजित की गई है. इसमें हिस्सा लेने के लिए दूर-दराज से मूसेवाला के फैंस पहुंचे हैं. इस दौरान मूसेवाला के माता-पिता लोगों से अपने दिल की बातें भी कहीं और बेटे को याद करके कई बार वह भावुक होते भी नजर आए. उन्होंने यह भी अपील की कि बेटे के बारे में भ्रामक बातें ना लिखी जाएं.

मां ने कहा-बेटे के नाम का एक-एक पेड़ लगाएं सब
कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि मूसेवाला की इस अंतिम अरदास में लगभग एक लाख लोगों की भीड़ मौजूद थी.इस दौरान उनकी मां ने अपने बेटे के बारे में बात करते हुए कई बार पुरानी यादें भी साझा कीं और एक ऐसी अपील भी की कि वहां मौजूद हर शख्स भावुक हो गया. 

उन्होंने कहा, '29 मई को मेरा सब कुछ खत्म हो गया. जिन्होंने भी मेरा इस दुख में साथ दिया मुझे उनसे बहुत हौंसला मिला. ऐसे ही हमारा ये हौंसला बनाए रखें. आपके साथ ही वजह से ही मुझे ऐसा लगता है मेरा बेटा यहीं है मेरे साथ. मैं आपसे विनती करना चाहती हूं कि मेरे बेटे के नाम का एक-एक पेड़ जरूर लगाएं. हमें उसे आगे बढ़ाते रहना है.' इस दौरान उन्होंने बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर भी जोर दिया और पेड़ लगाने को जरूरी बताया.

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'संत था मेरा बेटा, अपनी मेहनत से बनाया मुकाम'
मूसेवाला के पिता ने कहा, 'मेरा बच्चा संत था उसने कभी किसी का नुकसान नहीं किया था. मेरे बच्चे के बारे में उल्टा-सीधा न लिखें. सोशल मीडिया पर गलत न लिखें. सिद्धू को राजनीति में कोई लेकर नहीं आया था. वह अपनी मर्जी से आया था.'

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धू बेहद मेहनती और जमीन से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि मेरी इतनी भी हैसियत नहीं थी कि मैं उसे पॉकेटमनी देता. वह साइकल से स्कूल जाता था. उसमें प्रतिभा थी और अपने गानों को लिखने से जो रकम मिलती थी उससे पढ़ाई पूरी की थी. 

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