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मुस्लिमों के खिलाफ मॉब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और 6 राज्यों को भेजा नोटिस

Mob Lynching Case: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें पिछले दो महीनों में सामने आए मॉब लिंचिंग छह मामलों में पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की गई.

मुस्लिमों के खिलाफ मॉब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और 6 राज्यों को भेजा नोटिस

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डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देशभर में मुस्लिमों के खिलाफ गौ रक्षा के नाम पर हो रही हत्या और बढ़ती मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की घटनाओं को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है. सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में केंद्र और 6 राज्यों की नोटिस जारी किया है. दरअसल शुक्रवार को एक महिला संगठन द्वारा दायर याचिका में पिछले दो महीनों में सामने आए मॉब लिंचिंग छह मामलों में पीड़ितों के लिए मुआवजा देने की मांग की गई है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (NFIW) की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने केंद्र, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और ओडिशा के पुलिस महानिदेशकों को नोटिस जारी कर याचिका पर उनका जवाब मांगा है. याचिका में गोरक्षकों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटनाओं में शीर्ष अदालत के वर्ष 2018 के फैसले के अनुरूप राज्यों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिए जाएं.

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पीड़ितों को एडवांस मुआवजा देने की मांग
एनएफआईडब्ल्यू की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले को हाईकोर्ट में न भेजे जाने का अनुरोध किया है. उन्होंने याचिका पर बहस करते हुए कहा, 'अगर हम हाईकोर्ट जाते हैं तो पीड़ितों को क्या मिलेगा? 10 साल बाद 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. फिर हम कहां जाएं.'सिबल ने मांग की है कि मुआवजे का एक हिस्सा पीड़ित परिवारों को उनकी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद करने के लिए एडवांस में दिया जाना चाहिए. 

इस पर पीठ ने कहा, 'आपने हाईकोर्ट जाने के हमारे सवाल को टाल दिया.' सिब्बल ने इसका जवाब देते हुए कहा,'माय लॉर्ड ऐसे ही एक मामले में आपने मुझसे हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था, जो आजतक पेंडिंग है. इसलिए मैं पहले ही आपसे निवेदन कर रहा हूं कि इस मामले को उच्च न्यायालय न भेजा जाए.' याचिका में छह मामलों का जिक्र किया गया है. जिनमें दो मामले 8 और 24 जून महाराष्ट्र के हैं. गोमांस तस्करी के नाम पर तीन लोगों पर हमला किया गया था, जिनमें से 2 लोगों की मौत हो गई थी. बिहार में 55 साल के ट्रक ड्राइवर, मध्य प्रदेश में दो युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.

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याचिका में तहसीन पूनावाला मामले में 2018 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन को लेकर भी चिंता जताई गई है. महिला संगठन ने मॉब लिंचिंग में मारे गए लोगों के परिवार के गुजारे के लिए मुआवजा देने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग का मुद्दा उठाया है.
 

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