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SYL canal issue: नहीं सुलझा नहर विवाद, पानी के मुद्दे पर हरियाणा सरकार से नाराज क्यों हैं भगवंत मान?

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब के पास किसी दूसरे राज्य को देने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है. हरियाणा सरकार की मांग खारिज की जा रही है.

SYL canal issue: नहीं सुलझा नहर विवाद, पानी के मुद्दे पर हरियाणा सरकार से नाराज क्यों हैं भगवंत मान?

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. (फाइल फोटो- Twitter/BhagwantMann1)

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डीएनए हिंदी: सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के निर्माण को लेकर हरियाणा सरकार (Haryana Government) के प्रस्ताव को पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने खारिज कर दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि नहर का काम शुरू करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है.

नहर के मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग के बाद पंजाब भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जब इस नहर के लिए समझौता हुआ था, तब पंजाब को 18.56 मिलियन एकड़ फुट पानी मिल रहा था, जो अब कम होकर 12.63 मिलियन एकड़ रह गया है. यह साफ है कि पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है.

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'हरियाणा के पास पानी ही पानी, पंजाब पानी को तरस रहा'

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को सतलुज, यमुना और अन्य नहरों से 14.10 MAF पानी मिल रहा है, जबकि पंजाब को केवल 12.63 MAF पानी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के पास कम क्षेत्रफल होने के बावजूद पंजाब की अपेक्षा अधिक पानी मिल रहा है. वह पंजाब से और पानी की मांग कर रहा है. भगवंत मान ने कहा कि इस तथ्य के प्रकाश में हरियाणा को पानी कैसे दिया जा सकता है जबकि हमारे पास अपने खेतों के लिए पानी नहीं है.  

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भगवंत मान की बैठक.

'पंजाब में सूखने लगी हैं नदियां, नहरें और नाले'

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में 1400 किलोमीटर नदियां, नहरें और नाले सूख चुके हैं, जिसकी वजह से भूजल का प्रयोग बढ़ा है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पंजाब को कृषि संबंधी जरूरतों के लिए केवल 27 प्रतिशत नहरी पानी मिलता है, बाकी 73 प्रतिशत जरूरत भूजल से पूरी की जा रही है. भगवंत मान ने कहा कि इसके नतीजे के तौर पर पंजाब में भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है. राज्य के ज्यादातर ब्लॉक डार्क जोन में आ चुके हैं.  

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'हरियाणा को देना चाहिए पंजाब को पानी'

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब से पानी मांगने की बजाय हरियाणा को यमुना का पानी पंजाब को देना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद और पुनर्गठन से पहले पंजाब को यमुना का पानी मिलता रहा है. भगवंत मान ने कहा कि पुनर्गठन के बाद में पंजाब को गैर-कानूनी तरीके से इस अधिकार से वंचित किया गया था. 

'हरियाणा को देने के लिए पंजाब के पास नहीं है पानी'

भगवंत मान ने कहा कि अगर हरियाणा को सचमुच पानी की जरूरत है तो वह इस मसले के समाधान के लिए अपने हरियाणा के समकक्ष के साथ प्रधानमंत्री के पास जाने के लिए तैयार हैं. भगवंत मान ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास भी राज्य सरकार अपना रूख साफ़ करेगी कि पंजाब के पास हरियाणा को एक बूंद भी पानी देने के लिए नहीं है. 

'पंजाब के साथ हुई है नाइंसाफी' 

भगवंत मान ने कहा कि दुनिया भर के सभी जल समझौतों में यह नियम शामिल होता है कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर 25 सालों के बाद समझौतों पर दोबारा विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक समझौता ही एक ऐसा समझौता है जिसमें इस नियम को शामिल ही नहीं किया गया. भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के साथ यह सरासर नाइंसाफी है. इसके लिए केंद्र और पंजाब की तत्कालीन सरकारें जिम्मेदार हैं.  

'पंजाब को मिले उसका हिस्सा'

भगवंत मान ने कहा कि यह कितनी हास्यास्पद बात है कि हरियाणा हमें नहर के निर्माण का काम मुकम्मल करने के लिए कह रहा है. उन्होंने कहा कि जब हमारे पास अतिरिक्त पानी ही नहीं है तो हम नहर का निर्माण कैसे कर सकते हैं. भगवंत मान ने कहा कि समय की जरूरत के मुताबिक पंजाब को उसके पानी का पूरा हिस्सा मिलना चाहिए.  

कांग्रेस और पुरानी सरकारों पर भड़के भगवंत मान

कांग्रेस और अकालियों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दोनों पार्टियां पंजाब के साथ हुई बेइन्साफी के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि यह दोनों पार्टियां पंजाब और पंजाबियों के खिलाफ साजिश करने के लिए एक-दूसरे के साथ सुर में सुर मिलाती रही हैं. भगवंत मान ने कहा कि अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल ने अपने मित्र और हरियाणा के नेता देवी लाल को खुश करने के लिए नहर के सर्वे का हुक्म दिया था.  

...इतिहास कभी नहीं करेगा माफ

भगवंत मान ने कहा कि अपने निजी लाभ के लिए इन खुदगर्ज नेताओं ने राज्य को संकट में धकेल दिया. भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं के हाथ इस जुर्म से रंगे हुए हैं और पंजाब की पीठ में छुरा घोपने वालों को इतिहास कभी भी माफ नहीं करेगा.

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