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9 दिन तक रहस्यमयी भूकंप से कांपती रही थी धरती, अब पता चली असली वजह

पिछले साल पृथ्वी रहस्यमयी झटकों से पूरे 9 दिन हिलती रही.वैज्ञानिकों ने इसकी वजह इस साल पता कर ली है.

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बात पिछले साल 2023 की है जब ग्रीनलैंड के डिक्सन जॉर्ड (Dicson Fjord) में एक बड़े लैंडस्लाइड से जो लहर उठी उसने पूरे 9 दिनों तक 'पृथ्वी को हिलाकर रखा' था.  इस लैंडस्लाइड ने कई असामान्य घटनाओं को जन्म दिया. इन असामान्य घटनाओं में 200 मीटर ऊंची सुनामी और 9 दिनों तक चलने वाला रहस्यमयी भूकंप के संकेत शामिल हैं. पिछले साल इन भूकंपीय झटकों ने सभी वैज्ञानिकों को परेशान कर दिया था. वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर ये झटके आ कहां से रहे हैं.  पिछले साल उठे इस रहस्य का पता वैज्ञानिकों ने इस साल लगाया है. 

आगे-पीछे झूल रही थी पृथ्वी
वैज्ञानिकों ने माना है कि सितंबर 2023 में 650 फीट यानी 200 मीटर ऊंची लहर पूर्वी ग्रीनलैंड के डिक्सन जॉर्ड के अंदर आगे-पीछे घूमती रहती थी. दरअसल ये लहर डिक्सन जॉर्ड में फंस गई और आगे-पीछे हिल रही थी. इसलिए पृथ्वी की ऊपरी सतह भूकंप के झटके महसूस कर रही थी.  पिछले साल लगातार 9 साल तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. वैज्ञानिकों ने पाया कि भूस्खलन में एक पहाड़ी चट्टान ढह गई जिसकी वजह से पृथ्वी नौ दिनों तक कांपती रही.  वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्रीनलैंड में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. 

हर 90 सेकेंड पर कांप रही थी पृथ्वी
ग्लेशियर पिघलने के बाद भूकंप से कांपती रही. ये परिणाम 'साइंस' जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. सांइस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ये खोज, वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम और डेनिश नौसेना के एक जासूसी मिशन का ही परिणाम है. वैज्ञानिक डॉक्टर स्टीफन हिक्स ने बताया कि कलीग्स ने जब पहली बार पिछले साल सिग्नल के बारे में जांच की थी तो भूकंप के झटके समझ आ रहे थे. तब पृथ्वी 9 दिनों में हर 90 सेकेंड पर कांप रही थी. डॉ. हिक्स ने आगे बताया कि उसी समय डेनमार्क के सहकर्मी जो ग्रीनलैंड में बहुत ज़्यादा फ़ील्डवर्क करते रहे हैं,  को जॉर्ड में आई 'सुनामी' की रिपोर्ट मिली. उस पर हम सभी ने मिलकर काम किया.


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जॉर्ड की एक खाई में धूल का बादल दिखा 
उन्होंने कहा - हमारी टीम ने भूकंपीय डेटा का इस्तेमाल करते हुए सिग्नल के स्रोत का पता लगाने के लिए पूर्वी ग्रीनलैंड में डिक्सन जॉर्ड का पता लगाया. सैटेलाइट इमेज में जॉर्ड की एक खाई में धूल का बादल दिखा. घटना से पहले और बाद की तस्वीरों की तुलना करने पर पता चला कि एक पहाड़ ढह गया था और ग्लेशियर का एक हिस्सा पानी में बह गया था. शोधकर्ताओं ने अंततः यह पता लगाया कि 25 मिलियन क्यूबिक मीटर चट्टान पानी में गिरी जिससे 200 मीटर ऊंची 'विशाल-सुनामी' उत्पन्न हुई.

किसे कहते हैं जॉर्ड?
ग्रीनलैंड के ऊंचे पहाड़ों के बीज जो घाटी है उसे जॉर्ड कहते हैं. ये समुद्र के पानी से जुड़ी होती हैं. साथ ही इनके ऊपर पहाड़ों पर भारी मात्रा में ग्लेशियर होते हैं. जो बेहद विशालकाय होते हैं. इनके टूटने से जॉर्ड में बड़ी सुनामी आती है.

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