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Farmers Protest: भारत को WTO से बाहर क्यों लाना चाहते हैं किसान? समझें FTA की पूरी बात

Farmers Protest WTO: इस बार के किसान आंदोलन में किसानों की 13 मांगों में से एक मांग यह भी है कि भारत WTO से बाहर आ जाए.

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Farmers Protest: भारत को WTO से बाहर क्यों लाना चाहते हैं किसान? समझें FTA की पूरी बात

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Delhi Chalo March: तमाम किसान संगठन एक बार फिर दिल्ली पहुंचने वाले हैं. अपनी 13 मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं तक पहुंचने लगे हैं. इन 13 मांगों में एक मांग यह भी है कि भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर आ जाए और सभी मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) को खत्म कर दे. यह मांग काफी पुरानी और विवादित रही है. कहा जा रहा है कि सरकार 10 मांगों को स्वीकार कर चुकी है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी चर्चा करने को तैयार है. 

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किसी भी दो देश, एक देश और देशों के समूह या किसी संगठन के बीच होता है. इसके तहत दो देशों के बीच तमाम टैक्स जैसे कि सीमा शुल्क, सब्सिडी और अन्य चीजों को आसान बनाया जाता है. इसका विरोध करने वाले संगठनों की आम धारणा यह होती है कि FTAs से स्वदेशी कंपनियों या व्यापार संगठनों को नुकसान होता है. किसानों का भी यही कहना है कि FTAs से भारत के किसानों को नुकसान होता है.

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WTO से क्यों बाहर लाना चाहते हैं किसान?
दरअसल, किसान MSP की गारंटी, फसलों की खरीद और पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम को लेकर कानूनी गारंटी चाहते हैं. वहीं, WTO के नियम इनके ठीक उलट हैं. भारत ने भी WTO में शामिल होने के साथ ही वादा किया है कि वह अपने यहां MSP तय करने की कोई गारंटी नहीं देगी. इसके अलावा, WTO में शामिल होने की और भी कई शर्तें होती हैं जिन्हें सभी सदस्य देशों को स्वीकार करना होता है.

यह भी पढ़ें- Farmers Protest के बीच राहुल गांधी का वादा, 'हम जीते तो देंगे MSP की गारंटी' 

इसी के चलते किसान चाहते हैं कि MSP संबंधी उनकी मांगों को मानने के लिए भारत WTO से बाहर आ जाए. साथ ही, वह सभी FTAs को भी रद्द कर दे जिससे उसे किसी भी दूसरे देश या संगठन की शर्तों के आगे झुकना न पड़े.

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