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Kami Rita Sherpa: 52 साल की उम्र में 26वीं बार चढ़ गए माउंट एवरेस्ट, तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड

नेपाल के कामी रीता शेरपा ने 52 साल की उम्र में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर एक और बार सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी कर ली है.

कामी रीता शेरपा ने पहली बार 1994 में एवरेस्ट पर चढ़ाई की और उसके बाद से वह लगातार पर्वतारोहण कर रहे हैं. एवरेस्ट के अलावा वह कई और पहाड़ों की चोटियों पर भी सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुके हैं. अब उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर 26वीं बार चढ़ने का विश्व रिकॉर्ड बना दिया है.
 

1.26वीं बार चढ़ गए माउंट एवरेस्ट

26वीं बार चढ़ गए माउंट एवरेस्ट
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नेपाल के पर्वतारोही कामी रीता शेरपा ने सबसे ज्यादा 26 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का विश्व रिकॉर्ड बना लिया है. हालांकि, इससे पहले भी यह रिकॉर्ड उन्हीं के नाम था और वह 25 बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर चुके थे. 



2.28 साल पहले शुरू हुआ था मिशन

28 साल पहले शुरू हुआ था मिशन
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कामी रीता ने एवरेस्ट पर पहली चढ़ाई 13 मई 1994 को की थी. माउंट एवरेस्ट के अलावा वह माउंट गाडविन ऑस्टिन (K2) समेत कई दूसरी चोटियां भी फतह कर चुके हैं. इसके अलावा उनके नाम 8000 से ऊंची चोटियों पर सबसे ज्यादा बार चढ़ने का भी रिकॉर्ड दर्ज है.



3.साउथ-ईस्ट रूट से चढ़े कामी रीता शेरपा

साउथ-ईस्ट रूट से चढ़े कामी रीता शेरपा
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कामी रीता शेरपा के साथ 10 अन्य पर्वतारोही भी इस चढ़ाई में शामिल थे. इस चढ़ाई के लिए इन लोगों ने साउथ-ईस्ट रिज का सहारा लिया. इसी रास्ते से एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने भी माउंट एवरेस्ट को फतह किया था. माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए यह अब तक का सबसे प्रसिद्ध रूट है.



4.2022 के लिए 316 लोगों को मिला था परमिट

2022 के लिए 316 लोगों को मिला था परमिट
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नेपाल की सरकार की ओर से इस साल 316 लोगों को एवरेस्ट की चढ़ाई करने का परमिट जारी किया गया था. पिछले साल 408 लोगों को परमिट दिया गया था. 1953 से अभी तक कुल 10,657 बार इस पहाड़ की चोटी को फतह किया जा चुका है. अभी तक कुल 311 लोग माउंट एवरेस्ट चढ़ने की कोशिश में जान भी गंवा चुके हैं.
 



5.हर साल करते हैं माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई

हर साल करते हैं माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई
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कामी रीता का जन्म 17 जनवरी 1970 को सोलुखुंबू गांव में हुआ था. शुरुआत में वह बौद्ध साधु बनना चाहते थे, लेकिन बाद में उनका मन बदल गया. साल 1992 में एवरेस्ट के बेस कैंप पर उन्होंने कुक के रूप में काम करना शुरू किया. 1994 में पहली बार 23 साल की उम्र में उन्होंने एवरेस्ट पर चढ़ाई कीय उसके बाद से वह लगभग हर साल माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करते हैं.
 



6.रिकॉर्ड की नहीं, नेपाल की है चिंता

रिकॉर्ड की नहीं, नेपाल की है चिंता
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कामी रीता के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. वह चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर कोई ऐसा करियर चुनें जो कम खतरनाक हो. अपने रिकॉर्ड के बारे में वह कहते हैं कि कई लोग रिकॉर्ड तोड़ने में लगे हुए हैं, लेकिन मैं ये सब रिकॉर्ड के लिए नहीं करता. मैं बस ये सोचता हूं कि नेपाल में टूरिजम कैसे बढ़े.



7.दूसरों को भी सिखाते हैं पर्वतारोहण

दूसरों को भी सिखाते हैं पर्वतारोहण
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कामी रीता एक सीनियर क्लाइंबिंग गाइड हैं और इस क्षेत्र में वह लगभग 35 सालों से काम कर रहे हैं. वह अपने साथ हर साल पर्वतारोहियों की टीम ले जाते हैं. इस दौरान वह दूसरे पर्वतारोहियों को मुश्किल हालात से निपटने के गुर भी सिखाते रहते हैं.



8.सपने के चलते रोक दिया था अभियान

सपने के चलते रोक दिया था अभियान
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नेपाल के पर्वतारोही कामी रीता ने पिछले साल एक सपना देखा था. इस सपने में 'पर्वत देवी' ने उन्हें रोक दिया था कि वह एक और बार एवरेस्ट पर न चढ़ें. इसके बाद उन्होंने अपनी चढ़ा रोक दी थी. हालांकि, इस बार वह फिर से चढ़े और सफलतापूर्वक अपना अभियान पूरा किया.



9.रिकॉर्ड पर मनाई गईं खुशियां

रिकॉर्ड पर मनाई गईं खुशियां
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कामी रीता की 26वीं बार की सफल चढ़ाई के बाद उनके गांव में जमकर खुशियां मनाई गईं. टूरिजम विभाग के जनरल डायरेक्टर तरनाथ अधिकारी ने कहा कि मैं कामी रीता को अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने के लिए धाई देता हूं. उनकी पत्नी ने भी कहा कि वह काफी खुश हैं कि उनके पति ने एक बार फिर से सफलतापूर्वक चढ़ाई की.



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