Pokhran Nuclear: भारत में हुए परमाणु परीक्षण ने देश की वैज्ञानिक और सैन्य क्षमताओं को दुनिया में प्रदर्शित किया है. इस परीक्षण में कई सारी तकनीकी चैलेंजेस का सामना करना पड़ा, लेकिन एक अनोखे उपकरण के रूप में प्याज का इस्तेमाल करके भारत ने इन चुनौतियों को खत्म कर दिया. यह सुनने में आपको भले ही अजीब लग
Pokhran Nuclear Test: दरअसल, प्याज में कुछ जरूरी रासायनिक तत्व होते हैं, जो रेडिएशन के संपर्क में आने पर अपना रंग बदल देते हैं. वैज्ञानिकों ने इस गुण का उपयोग करके प्याज को एक नेचुरल सेंसर के रूप में उपयोग किया था. टेस्ट के दौरान प्याज को अलग-अलग जगहों पर रखा गया था. जिस वक्त विस्फोट हुआ, इन प्याजों ने रेडिएशन के संपर्क में आकर अपना रंग चेंज लिया. बाद में वैज्ञानिकों ने प्याजों की स्टडी की और उनके रंग में हुए बदलाव से रेडिएशन की स्पीड का सटीक अनुमान लगा लिया.
1.प्याज के इस्तेमाल का क्या था कारण
प्याज के उपयोग का एक बड़ा रीजन उसका कम दाम और आसान उपलब्धता माना जाना था. पारंपरिक सेंसरों की तुलना में प्याज का इस्तेमाल करना सस्ता था, जिससे टेस्ट की लागत में कमी आई.
2.प्याज किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता
इसके अतिरिक्त, प्याज एक एनवायरनमेंट के अनुकूल विकल्प था. यह अन्य कॉम्प्लैक्स उपकरणों की तरह पर्यावरण को कोई हानि नहीं पहुंचाता, इसलिए इसका उपयोग सेफ भी था.
3.प्याज के जरिए वैज्ञानिकों को सटीक रेडिएशन स्तर का पता चला
टेस्ट वाली जगह पर रखे गए प्याजों से मिले आंकड़ों ने वैज्ञानिकों को विस्फोट की तेजी और उसके प्रभावों का एनालिसिस करने में बहुत मदद किया. इस प्रयोग ने परमाणु परीक्षण से जुड़ी बारीकियों को समझने में जरूरी भूमिका निभाई. प्याज के माध्यम से वैज्ञानिकों को बहुत ही सटीक रूप से विस्फोट के रेडिएशन स्तर का पता चला, जो आगे चलकर किए जाने वाले टेस्टों के लिए उपयोगी साबित हुआ.
4.यूनिक तरीका मिला
इस तकनीक के इस्तेमाल से न्यूक्लियर परीक्षणों के आंकड़े इकट्ठे करने का एक यूनिक तरीका विकसित हुआ. प्याज के माध्यम से मिले आंकड़े ना सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थे, बल्कि यह भी सिद्ध करते हैं कि सामान्य चीजों का उपयोग क्रिएटिव रूप से किया जा सकता है.
5.भारत की स्थिति हुई मजबूत
भारत के इस परमाणु परीक्षण ने ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर उसकी स्थिति को मजबूत किया. इसने इंडिया को अपनी टेक्नलॉजी की क्षमता में आत्मनिर्भर बनने में हेल्प की.