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Russia-Ukraine War: यूक्रेन में फंसी दुर्गापुर की जुड़वां बहनें, हावड़ा जिले के 100 छात्र भी बंकर में गुजार रहे दिन

भारत के 18 हजार से ज्यादा छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. ये सभी छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे.

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  • Feb 26, 2022, 10:54 AM IST

देश-दुनिया से कई छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने हर साल यूक्रेन जाते हैं.अब जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया है, तब यूक्रेन में कई मेडिकल के छात्र बुरी तरह फंस गए हैं. उन्हें वहां से निकालकर देश वापस लाने की कोशिशें जारी हैं, मगर तब तक यूक्रेन का मंजर उनके परिवार वालों में हर पल डर पैदा कर रहा है.यूक्रेन में फंसे पश्चिम बंगाल के छात्रों पर के.टी.अल्फी की एक रिपोर्ट-

1.भारत के 18 हजार छात्र

भारत के 18 हजार छात्र
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रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच भारत के भी करीब 18000 लोग यूक्रेन में फंसे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर की दो जुड़वां बहनें और हावड़ा जिले के 100 छात्र भी शामिल हैं. इनके माता पिता ने सरकार से गुहार लगाई है ताकि इन्हें जल्द से जल्द वापस भारत लाया जा सके. 
 



2.जुड़वां बहनें पिछले साल ही गई थीं यूक्रेन

जुड़वां बहनें पिछले साल ही गई थीं यूक्रेन
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बचपन से ही रुमकी और झुमकी को डॉक्टर बनना था. दुर्गापुर के केक ओवन थाना इलाके के रतुरिया ग्राम में रहने वाली ये दोनों जुड़वां बहनें पिछले साल दिसंबर में ही यूक्रेन की मेडिकल यूनिवर्सिटी में गई थीं. लेकिन अचानक स्थिति ऐसी बदली कि अब यूनिवर्सिटी के कमरे से यह बच्चे सीधे यूनिवर्सिटी के बेसमेंट में पहुंच गए हैं ताकि अपनी जान बचा सकें. 



3.शुक्रवार को हुई थी आखिरी बार बात

शुक्रवार को हुई थी आखिरी बार बात
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आखिर बार इन दोनों बहनों ने शुक्रवार की सुबह अपने घर पर बात की थी. अब उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. बिना भोजन और पानी के कड़ाके की ठंड में मेडिकल के ये छात्र यहां फंसे रहने पर मजबूर हैं. वहीं भारत में इनके घरवालों को चिंता सता रही है कि अपने बच्चों को वापस कैसे लाएं. 



4.100 छात्र भी छिपे हैं बंकर में

100 छात्र भी छिपे हैं बंकर में
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पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के भी लगभग 100 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. यह सभी छात्र अपनी जान बचाने के लिए हॉस्टल के नीचे वाले बंकर में जा छुपे हैं. इनमें से एक छात्रा का नाम देबारती दास है.देबारती करीब दो साल पहले यूक्रेन गई थीं. उन्होंने अपने घर पर की गई बातचीत में बताया कि बंकर के बाहर निकलने की हिम्मत किसी में नहीं है, क्योंकि ऊपर सिर्फ बम के धमाके और गोलियां चल रही हैं. 



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