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फुल टाइम जॉब के साथ पढ़ाई कर IAS बनीं याशनी नागराजन, पढ़ें फुल स्टोरी

अपने चौथे प्रयास में आईएएस बनीं याशनी नागराजन की सक्सेस स्टोरी प्रेरित करती है. आइए जानते हैं आखिर साल दर साल विफलता के बाद कैसे सफल हुईं याशनी...

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  • Nov 29, 2021, 01:30 PM IST

डीएनए हिंदी: संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा को देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. हर साल लाखों कैंडिडेट्स आईएएस, आईपीएस बनने का सपना लेकर यूपीएससी की परीक्षा में बैठते हैं. इनमें से कई कैंडिडेट ऐसे भी होते हैं जिनके मन में यह सवाल आता है कि नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी कैसे करें? अगर आपके मन में भी कुछ ऐसे ही सवाल हैं तो शायद आप IAS याशनी नागराजन (Yashni Nagrajan) की कहानी से अनजान हैं. साल 2019 में अखिल भारतीय रैंक 57 हासिल कर आईएएस बनीं याशनी नागराजन की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है.

1.अरुणाचल प्रदेश से की इंजीनियरिंग

अरुणाचल प्रदेश से की इंजीनियरिंग
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अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की रहने वाली याशनी नागराजन ने स्कूली शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय, नाहरलगुन से की. इसके बाद उन्होंने 2014 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (National Institute of Engineering), युपिया से बी.टेक किया. याशनी के पिता सिविल इंजीनियर और मां हाईकोर्ट में अधिकारी पद से रिटायर हैं. 



2.फुल टाइम जॉब के साथ बनीं IAS

फुल टाइम जॉब के साथ बनीं IAS
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खास बात यह है कि जब याशनी यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं तब वह पूर्णकालिक कर्मचारी थी. उन्होंने फुल टाइम जॉब के साथ रोजाना सिर्फ 4-5 घंटे पढ़ाई की और आईएएस अफसर (IAS Officer) बनने के सपने को पूरा किया. इतना ही नहीं वीकेंड पर भी वह पूरा दिन पढ़ाई करती थी.



3.'वीकेंड पर करें ज्यादा मेहनत'

'वीकेंड पर करें ज्यादा मेहनत'
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याशनी का मानना है कि अगर आप जॉब के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो वीकेंड पर आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत होती है. आप वीकेंड पर ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई करने की कोशिश करें, इससे आपकी तैयारी मजबूत होगी. इसके अलावा सही टाइम टेबल भी आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है. ऐसा करने से आप हर दिन 4 से 5 घंटे का वक्त पढ़ाई के लिए निकाल पाएंगे.



4.बेहतर समय प्रबंधन से मिली सफलता

बेहतर समय प्रबंधन से मिली सफलता
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बता दें कि याशनी ने वर्ष 2019 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. पहले दो प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली. तीसरे प्रयास में याशनी चयनित हुईं और ऑल इंडिया में 834वीं रैंक हासिल की, लेकिन वो अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थीं. इसके बाद उन्होंने चौथी बार एग्जाम देने का फैसला किया. याशनी की सफलता के पीछे का कारण बेहतर समय प्रबंधन था.



5.'नौकरी के साथ तैयारी करने पर मिलेगा फायदा'

'नौकरी के साथ तैयारी करने पर मिलेगा फायदा'
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नागराजन के मुताबिक, यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ना जरूरी नहीं है. आपको बस बेहतर समय प्रबंधन के साथ कड़ी मेहनत करने की जरूरत है. उनका कहना है कि पूर्णकालिक नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी करना मुश्किल है लेकिन इससे आपको फायदा होगा.

जब आपके पास पहले से ही नौकरी है तो यूपीएससी में फेल होने पर भी आप तनाव महसूस नहीं करेंगे. आप अपने करियर को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करेंगे. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर सच्ची लगन और कड़ी मेहनत के साथ इस परीक्षा की तैयारी की जाए तो सफलता जरूर हासिल होगी. याशनी नागराजन इसका सबसे बड़ी उदाहरण बन कर सामने आईं है.

 



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