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China से डॉक्टरी पढ़ने वाले छात्रों का बर्बाद हो सकता है भविष्य, UGC ने दिया बड़ा बयान

चीन में डॉक्टरी पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए UGC ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. पढ़ें इस पर आरती राय की विस्तृत रिपोर्ट

China से डॉक्टरी पढ़ने वाले छात्रों का बर्बाद हो सकता है भविष्य, UGC ने दिया बड़ा बयान
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डीएनए हिंदी: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी करते हुए चेतावनी दी है और कहा है कि चीनी अधिकारियों ने पहले बताया था कि पाठ्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए जाएंगे और मौजूदा नियमों के अनुसार UGC और AICTE प्री-अप्रूवल के बिना ऑनलाइन मोड में किए गए किसी डिग्री कोर्सेस को मान्यता नहीं देंगे.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने शुक्रवार को जारी एडवाइजरी में यह भी कहा कि छात्रों को चीन में उच्च शिक्षा हासिल करने का निर्णय लेने से पहले अच्छी तैयारी करने की सलाह दी है. चीन जैसे देशों के ट्रेवल रीस्ट्रिक्शन्ज़ की वजह से कई देशो ने यात्रा प्रतिबंधों में ढील नहीं दी है और कई भारतीय छात्रों ने महामारी के बाद से व्यक्तिगत कक्षाओं में भाग नहीं लिया है. UGC ने अपनी एडवाइजरी में साफ़ कर दिया है कि कई छात्र जो लगातार ऑनलाइन क्लासेज का सहारा ले कर विदेशो में पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें आने वाले दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

यूजीसी की इस एडवाइजरी के क्रम को अगर हम क्रम से देखें तो यह उस दिन आई है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय छात्रों की चीन वापसी का मुद्दा अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष उठाया था. एस जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि भारत को उम्मीद है कि बीजिंग इस पर गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण अपनाएगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात के बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि मंत्री वांग यी ने मुझे आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर लौटने पर संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे. उन्होंने इस कठिन परिस्थिति में मेडिकल छात्रों की विशेष चिंताओं को भी समझा है "

कोविड (Covid) के प्रकोप के बीच चीन में भारतीय दूतावास द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 20,000 से अधिक भारतीय छात्रों को मेडिकल डिग्री में रजिस्ट्रेशन करा चुके है. गौरतलब है कि चीन द्वारा महामारी के बाद सभी विश्वविद्यालयों को बंद करने के बाद उनमें से अधिकांश देश वापस आ गए थे और सख्त यात्रा प्रतिबंधों के कारण अभी तक वापस नहीं लौट पाए हैं. उन्हें चिंता है कि व्यावहारिक अनुभव की कमी के कारण ऑनलाइन स्टडी जारी रहने पर उनकी मेडिकल डिग्री अमान्य हो सकती है. 

भारत की राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) ने भी 8 फरवरी को स्पष्ट किया था की जो छात्र ऑनलाइन स्टडी बेस्ड कोर्स कर रहे हैं वो Foreign Medical Graduate Examination (FMGE) में हिस्सा ले नहीं ले सकते हैं. ये एग्जाम भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एक लाइसेंस परीक्षा है जो सभी विदेश में स्टडी कर रहे छात्रों के लिए भारत में प्रैक्टिस के लिए ज़रूरी है.

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UGC की इस एडवाइजरी को देखें तो यह एडवाइजरी महज़ चेतावनी ही नहीं दी है बल्कि चीन में पढ़ने वाले हिन्दुस्तानी छात्रों के लिए अधर में अटकने जैसी स्थिति भी है. चीन ने भारत से बीजिंग के कठोर COVID-19 वीजा प्रतिबंध के कारण दो साल से अधिक समय से घर में फंसे लगभग 23,000 से अधिक भारतीय छात्रों की "जल्दी वापसी" के लिए वादा किया था लेकिन इस ओर अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है. 

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