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Hijab row petitioners: कर्नाटक में छात्राओं को हिजाब पहनने की नहीं मिली अनुमति तो घर लौटीं वापस

Hijab पहनकर परीक्षा में शामिल नहीं होने दिए जाने की बात पर दो लड़कियों ( Hijab row petitioners) ने कर्नाटक के उडुपी जिले में परीक्षा छोड़ दी.

Hijab row petitioners: कर्नाटक में छात्राओं को हिजाब पहनने की नहीं मिली अनुमति तो घर लौटीं वापस

सांकेतिक तस्वीर

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डीएनए हिंदी : हिजाब (Hijab) पहनकर परीक्षा में शामिल नहीं होने दिए जाने की बात पर दो लड़कियों ने कर्नाटक के उडुपी जिले में परीक्षा छोड़ दी. गौरतलब है कि इन दो लड़कियों ने कोर्ट में हिजाब पहनने के लिए अपील दायर (Hijab row petitioners) की थी. उनकी बारहवीं की फाइनल परीक्षा चल रही थी. वे बुर्क़े में परीक्षा देने की ज़िद पर उतारू थीं. आलिया अस्सादी (Aliya Assadi) और रेशम (Resham) नाम की इन लड़कियों ने अपना हॉल टिकट लिया था और फिर परीक्षा देने बुर्क़े में आ गई. उन्होंने प्रिंसिपल और परीक्षक को 45 मिनट के लिए कन्विंस करने की कोशिश की पर कॉलेज प्रशासन ने कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें कोई छूट नहीं दी. दोनों लड़कियां शान्ति से बिना परीक्षा दिए कॉलेज परिसर छोड़कर चली गईं. 

परीक्षा 22 अप्रैल से शुरू होकर 18 मई तक चलेगी 

कर्नाटक (Karnataka) में बारहवीं की परीक्षा आज ही शुरू हुई है. पहला पेपर बिजनेस स्टडीज का था. तक़रीबन  6.84 लाख परीक्षार्थी इन परीक्षाओं में बैठेंगे. राज्य भर में कुल 1076 सेंटर बनाए गए हैं जिनमें पुलिस बल की नियुक्ति भी गई ताकि ड्रेस कोड को लेकर कोई अवांछित घटना न घटे.

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हिजाब पर अलग-अलग हैं लड़कियों के मत 

काफ़ी मुस्लिम लड़कियां जो हिजाब में दाखिल हुईं, उन्होंने कहा कि वे हॉल के अंदर परीक्षा के वक़्त  हिजाब उतारकर उसे बाद में वापस पहन लेंगी.  उन लड़कियों में से एक का कहना था कि हिजाब ज़रूरी है पर परीक्षा और भी अधिक ज़रूरी है. हमारा भविष्य परीक्षा के परिणाम पर आधारित है. वहीं हिजाब पहनने को लेकर कोर्ट में अपील करने वाली 17 साल की आलिया ने कर्नाटक(Karnataka) के मुख्यमंत्री से फिर से हिजाब को लेकर एक अपील की ताकि उन जैसी लड़कियों का भविष्य बर्बाद होने से बचे. 
गौरतलब है कि पिछले महीने लगभग 40 लड़कियों ने हिजाब के मामले को लेकर प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षाएं छोड़ दी थी. वे सम्भवतः हाई कोर्ट के फ़ैसले से व्यथित थीं. 

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