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Halal Ban in UP: यूपी में नहीं बिकेंगे हलाल लिखे प्रॉडक्ट्स, योगी सरकार का बड़ा फैसला, लगा दिया बैन

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल लिखे उत्पादों को लेकर चल रहे विवाद के बीच बड़ा फैसला लिया है.

Halal Ban in UP: यूपी में नहीं बिकेंगे हलाल लिखे प्रॉडक्ट्स, योगी सरकार का बड़ा फैसला, लगा दिया बैन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-PTI)

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डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh Halal Products Ban- उत्तर प्रदेश में हलाल लिखे उत्पादों को लेकर चल रहे विवाद के बीच बड़ा फैसला हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राज्य में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला हलाल सर्टिफिकेशन का गलत इस्तेमाल मिलने के बाद लगाया गया है. राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक, अब उत्तर प्रदेश की सीमा के अंदर किसी तरह के हलाल सर्टिफाइड उत्पाद का निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री नहीं की जा सकेगी. ऐसा करने वाले दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

योगी हुए थे नाराज, नौ कंपनियों पर हुई है FIR

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को लेकर नाराजगी जताई थी. इसके बाद ही तय माना जा रहा था कि इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार कोई सख्त कदम उठाएगी. उत्पादों को हलाल सर्टिफाइड करने वाली 9 कंपनियों के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में FIR भी दर्ज कराई गई है. यह FIR शैलेंद्र शर्मा नाम के व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज हुई है. इन कंपनियों में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्‍नई, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्‍ट्र मुंबई और जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्‍ट दिल्‍ली और कुछ अज्ञात कंपनियां शामिल हैं. इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी, 153 ए, 298, 384, 420, 468, 471 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया है. ये संस्थाएं भारत सरकार की अनुमति के बिना ही मनमाने तरीके से सर्टिफिकेट जारी करने का धंधा चला रही थी, जिसके लिए उत्पाद बनाने वालों से बदले में मोटी रकम ली जा रही थी.

देर शाम जारी कर दिया गया हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन का आदेश

राज्य सरकार ने देर शाम हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया. खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग की आयुक्त अनीता सिंह ने यह आदेश जारी किया है. इसमें बेकरी, डेयरी, पिपरमिन्ट ऑयल, कपड़ा, चीनी, नमकीन, रेडी टू ईट सेवरीज से लेकर खाद्य तेल जैसे उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेशन जारी करने का जिक्र किया गया है. इसमें खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 की कई धाराओं का जिक्र किया गया है. इसके बाद अधिनियम की धारा 30(2)(ए) में मिले अधिकार के तहत जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश की सीमा के अंदर हलाल सर्टिफाइड उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाए जाने का आदेश दिया गया है.

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जान लीजिए क्यों लगाया जा रहा है हलाल का ठप्पा

आपने भी बहुत सारे उत्पादों पर हलाल का ठप्पा लगा देखा होगा. दरअसल इसका संबंध इस्लाम से है. इस्लाम में हलाल और हराम, दो शब्दों का जिक्र किया गया है. हलाल यानी जिसका इस्तेमाल एक मुस्लिम कर सकता है. यह कोई काम, कोई खाने-पीने का सामान आदि हो सकता है. हराम यानी जो इस्लाम के खिलाफ है और जिस पर प्रतिबंध है. रेख्ता डिक्शनरी के हिसाब से ये दोनों ही शब्द अरबी भाषा के हैं. खाने-पीने की किन चीजों को मुस्लिम समुदाय इस्तेमाल कर सकता है. इसे दर्शाने के नाम पर हलाल सर्टिफिकेट जारी करने का धंधा शुरू किया गया था. यह सर्टिफिकेट जारी करने वाली कंपनी यह पक्का करती है कि जिस उत्पाद पर वह ठप्पा लगा है, उसे इस्लामी मान्यताओं के हिसाब से तैयार किया गया है. हालांकि यह सर्टिफिकेट किसी भी तरह से सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन मुस्लिम समुदाय में ऐसा ठप्पा लगे हुए प्रॉडक्ट्स की ही मांग होने लगी है.

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