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हिमाचल प्रदेश में उफन रहीं नदियां, सड़कें क्षतिग्रस्त, मची भीषण तबाही, हाईवे पर बहीं कारें, VIDEO में देखें जल प्रलय

हिमाचल प्रदेश में लगातार बाढ़ और बारिश की वजह से अब जगह-जगह पहाड़ी इलाकों पर भूस्खलन भी हो रहा है. हिमाचल की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. राज्य में जलप्रलय जैसी स्थिति बन गई है.

हिमाचल प्रदेश में उफन रहीं नदियां, सड़कें क्षतिग्रस्त, मची भीषण तबा��ही, हाईवे पर बहीं कारें, VIDEO में देखें जल प्रलय

मनाली में बाढ़ की वजह से आई तबाही, सड़कों पर बहने लगीं पर्यटकों की गाड़ियां. (तस्वीर-PTI)

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डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं. अब तक बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 5 लोगों की मौत हो गई है. नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ रहा है, जिसकी वजह से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहीं जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. पर्यटन स्थलों पर भी बुरा हाल. मंडी से लेकर शिमला तक, बाढ़ की वजह से सड़कों पर गाड़ियां बहती नजर आई हैं. 

हिमाल प्रदेश प्रशासन ने दो दिनों लिए विद्यालयों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है. प्रशासन ने कहा है कि सभी प्रमुख नदियां उफान पर है और स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने नौ जुलाई को किन्नौर और लाहौल-स्पीति के आदिवासी जिलों को छोड़कर, 12 जिलों में से 10 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के लिए नौ जुलाई को रेड अलर्ट जारी किया है.

मनाली में भारी बारिश से बही गाड़ियां 

राज्य आपदा अभियान केंद्र के मुताबिक राज्य में बीते 36 घंटों में भूस्खलन की 14 बड़ी घटनाएं और अचानक बाढ़ आने की 13 घटनाएं सामने आई हैं. इस दौरान 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गईं. मनाली में भारी बारिश से दुकानों के बहने और कुल्लू, किन्नौर और चंबा में अचानक नाले में आई बाढ़ में गाड़ियों के बहने की खबरें सामने आई हैं. इन जगहों पर कृषि भूमि भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है.

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शिमला जिले में भी बारिश ने मचाई तबाही

शिमला जिले में कई सड़कें बंद कर दी गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि शिमला जिले के कोठगढ़ इलाके में भूस्खलन से एक घर ढह गया, जिसमें एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान अनिल नाम के व्यक्ति, उनकी पत्नी किरन और पुत्र स्वप्निल के रूप में हुई है. कुल्लु शहर में भी भूस्खलन से एक कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हो गया जिसमें एक महिला की मौत हो गई. एक अन्य हादसे में चंबा तहसील के कातियान में शनिवार रात भूस्खलन के मलबे में एक व्यक्ति दफन हो गया. 


पर्यटन स्थलों पर बुरी तरह फंसे हैं 200 लोग

 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक जताया है. उन्होंने कहा है कि जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में 200 लोग फंसे हुए हैं. मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं और भोजन और आवश्यक दवाइयों का इंतजाम कर दिया गया है. उन्हें एक या दो दिन में सड़कें दुरुस्त होते ही निकाल लिया जाएगा. 
 

हिमाचल प्रदेश में बंद रहेंगे स्कूल

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य से संबद्ध सभी सरकारी, निजी विद्यालयों और कॉलेजों को दो दिनों के लिए, 10 और 11 जुलाई को बंद कर दिया है. यहां जारी एक आदेश में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा कि आईसीएसई, सीबीएसई और अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूल अपने स्तर पर स्कूल बंद करने के संबंध में निर्णय ले सकते हैं. राज्य में रविवार सुबह तक 736 सड़कें बंद रहीं, जबकि 1,743 ट्रांसफॉर्मर और 138 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित रहीं. 

किन प्रमुख रास्तों को किया गया है बंद?

ट्रैफिक के लिए बंद किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों में एनएच-21 (मंडी से कुल्लू), एनएच-505 (ग्राम्फू से लोकार), एनएच-03 (कुल्लू से मनाली), एनएच-305 (औट से जलोरी) और एनएच-707 (रोहड़ू से सिरमौर जिले के शिलाई के पास पोंटा साहिब तक) शामिल हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग 21 राज्य के ‘6 माइल’ स्थान पर बाधित रहा. यह वही जगह है जहां पर यात्री भूस्खलन के कारण 27 जून को 24 घंटे तक फंसे रहे थे. 

कमांड से होकर गुजरने वाली मंडी-कुल्लू सड़क गोडा फार्म के पास ब्लॉक रही. मनाली-चंडीगढ़ मार्ग भी मनाली के पास धंस गया. राज्य में रावी, ब्यास, सतलुज, चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं. पर्यटकों और यात्रियों को भारी बारिश के दौरान यात्रा करने से बचने और नदी के पास नहीं जाने का परामर्श जारी किया गया है. 

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उफान पर है ब्यास नदी

कुल्लू-मनाली सड़क कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण अवरूद्ध है. रामशिला के पास ब्यास नदी उफान पर है और यातायात कुल्लू से मनाली तथा मनाली से अटल टनल तक आवगमन के लिए रूक गया है. उन्होंने कहा कि मंडी-कुल्लू सड़क पर भी भूस्खलन हुआ है जिससे इस मार्ग से केवल आपात सेवा वाहनों को ही जाने की इजाजत है. 

पर्यटकों के लिए ये है सरकार का आदेश

प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी बारिश में बाहर निकलने से मना किया है. शिमला और कालका के बीच यूनेस्को धरोहर रेल मार्ग सभी ट्रेंनें रद्द कर दी गई हैं क्योंकि कई स्थानों पर भूस्खलन होने और पेड़ों के गिरने से यह रूट ब्लॉक हो गया है. चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर चार पर्यटक शनिवार रात उस वक्त बाल-बाल बच गए जब चंडोल के निकट एक चट्टान उनकी गाड़ी पर गिर गया. हादसे के दौरान पर्यटक मनाली जा रहे थे और स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया. 

किस जगह पर कितनी हुई बारिश?

राज्य में बीते 24 घंटों में अलग-अलग हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई. बिलासपुर के नांगल बांध में 282.5 मिलीमीटर, जबकि बिलासपुर में 224 मिमी, देहरा गोपीपुर में 175.4, ऊना में 166.2, चंबा में 146.5, डलहौजी में 143, नाहन और मनाली में 131.2, धर्मशाला में 126.4, गोंडला में 112, कांगड़ा में 108, सोलन 107, जुब्बड़हट्टी में 103, भुंतर में 101, पालमपुर में 94, नारकंडा में 8, सुंदरनगर में 83, मंडी में 80, शिमला में 79.4 और मशोबरा में 70 मिमी बारिश हुई. मौसम कार्यालय ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों में अचानक बाढ़ आने की भी चेतावनी दी है. 

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