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Russia-Ukraine Crisis : रूस और यूक्रेन के बीच हुआ युद्ध तो कैसे प्रभावित होगा भारत?

अगर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध होता है तो भारत को भी कई मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 

Russia-Ukraine Crisis : रूस और यूक्रेन के बीच हुआ युद्ध तो कैसे प्रभावित होगा भारत?

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डीएनए हिंदीः यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के बीच गहमागहमी एक बार फिर बढ़ गई है. फिर से युद्ध के हालात बन गए हैं. अमेरिका (America) का दावा है कि रूस से यूक्रेन सीमा पर डेढ़ लाख ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं. दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका को लेकर भारत भी चिंतित है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनातनी का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो भारत को भी कई मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 

दूरगामी प्रभाव
भारत के लिए दोनों देशों के बीच किसी एक के पक्ष में खड़ा होना दुविधा का सवाल होगा. दोनों देशों के बीच अगर युद्ध हुआ तो भारत को इस पर अपना पक्ष रखने की मजबूरी बन जाएगा. अगर भारत रूस का साथ देता है तो अमेरिका नाराज हो सकता है. क्योंकि अमेरिका लगातार इस युद्ध को रोकने के लिए रूस पर दबाव डाल रहा है. अगर भारत अमेरिका की वजह से यूक्रेन के पक्ष में जाता है तो उसके रूस के साथ रिश्ते खराब होंगे, जो चीन को देखते हुए सही नहीं रहेगा.

यह भी पढ़ेंः Ukraine Crisis: बिगड़ते हालात के बीच भारतीय दूतावास अधिकारियों के परिवारों को भी देश लौटने का निर्देश

पेट्रोल डीजल के दामों में होगा इजाफा
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध हुआ तो इसका सीधा असर कच्चे तेल के दामों पर पड़ेगा. मौजूदा समय में ही क्रूड ऑयल के दाम 90 डॉलर के पार जा चुके हैं. क्रूड उत्पादन में रूस की हिस्सेदारी 13 फीसदी है. यह ओपेक के कुल उत्पादन का आधा है. पश्चिमी यूरोप प्राकृतिक गैस के लिए काफी हद तक रूस पर निर्भर है. अगर यह आपूर्ति बाधित होती है तो इसकी वैश्विक असर होगा. 

सैन्य आयात पर असर
भारत और रूस के बीच सामान्य कारोबार भले कम हो लेकिन सैन्य कारोबार में बड़ी हिस्सेदारी है. किसी भी तरह के प्रतिबंध की स्थिति में इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा. ऐसे में भारत के लिए इसका विकल्प तलाशना मुश्किल हो सकता है. भारत और रूस से बीच सैन्य कारोबार काफी पुराना है. भारत ने नई पीढ़ी के हथियारों के लिए रूस के साथ कई डील की हैं. 

कारोबार पर भी होगा असर
सोवियत संघ के विघटन से पहले भारत के निर्यात में रूस की हिस्सेदारी 10 फीसदी थी. अब यह घटकर एक फीसदी से भी कम पर आ गई है. आयात में भी रूस की हिस्सेदारी 1.4 फीसदी है. इसलिए कारोबार पर सीधे तौर पर तो असर पड़ता नहीं दिख रहा है लेकिन रूस के साथ कारोबार बढ़ाने की भारतीय कोशिशों को झटका जरूर लगेगा. वहीं भारत का यूक्रेन से पिछले कुछ साल में कारोबार काफी बढ़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में दोनों देश के बीच करीब 2.69 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था. इसमें यूक्रेन ने भारत को करीब 1.97 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था. यूक्रेन भारत को खाने वाले तेल, खाद, न्यूक्लियर रिएक्टर और बॉयलर जैसे चीजें निर्यात करता है.

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