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Yoga Day: 2027 में योग का बाजार होगा 5 लाख करोड़ के पार, जानिए भारत का कितना बड़ा हिस्सेदार?

एलाइड मार्केट रिसर्च की साल 2020 में आई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 तक पूरी दुनिया में योग का कारोबार 3 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है.

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Yoga Day: 2027 में योग का बाजार होगा 5 लाख करोड़ के पार, जानिए भारत का कितना बड़ा हिस्सेदार?

International Yoga Day

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डीएनए हिंदी: योग और बाजार ये दोनों अपने आप में विरोधाभाषी शब्द हैं. लेकिन भूमंडलीकरण के इस दौर में बाजार की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता. योग के जनक और प्रणेता इस देश भारत की इतने बड़े बाजार में मौजूदा हिस्सेदारी तर्कसंगत नहीं लगती. ऐसे में आइये जानते हैं कि योग का बाजार कितना बड़ा है और भारत इसकी हिस्सेदारी पाने में कहां चूक रहा है? 

5 लाख करोड़ का होगा योग का बाजार  
योग धीरे-धीरे एक बड़ा बाजार भी बन चुका है. एलाइड मार्केट रिसर्च की साल 2020 में आई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 तक पूरी दुनिया में योग का कारोबार 3 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है. रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2027 तक बाजार 75% बढ़कर 5 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा.  

योग के बाजार में 10 सबसे बड़ी कंपनियां  
एलाइड मार्केट रिसर्च की साल 2020 में आई रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि दुनिया की 10 सबसे बड़ी कंपनियों का भी जिक्र किया गया है. इन 10 प्रमुख कंपनियों में USA की आठ और नीदरलैंड और यूके की एक-एक कंपनी शामिल हैं. ऐसे में साफ नजर आता है कि पूरी दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले भारत या भारतीय मूल की एक भी कंपनी वैश्विक बाजार में अपना स्थान नहीं बना पाई है.

100 से ज्यादा स्टार्टअप, मगर योग के क्षेत्र में कमी  
सरकारी आकड़ों के अनुसार, साल 2023 तक भारत में हेल्थटेक बाजार 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा. स्टार्टअप की दुनिया में भारत का तीसरा स्थान हैं. भारत के 100 से ज्यादा स्टार्टअप यूनिकॉर्न का दर्जा पा चुके हैं. लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिर्फ 4 ही यूनिकॉर्न काम कर रहे हैं. इन यूनिकॉर्न कंपनियों के नाम हैं- इनोवोकेर (Innovaccer), फार्मइजी (Pharmeasy), क्योर फिट (Cure.fit) और प्रिस्टन केयर (Pristyn Care). इन सभी यूनिकॉर्न में सिर्फ Cure.fit ही योग के क्षेत्र में थोड़ा बहुत कार्य कर रहा है.  

क्यों बढ़ रहा है योग का आकर्षण  
मार्केट रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच वैश्विक आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है. लॉकडाउन के कारण लोगों का आपसी संपर्क में कमी आई है.  जिससे लोगों में मानसिक तनाव बढ़ा है. योग का अभ्यास करने से लोगों को मानसिक तनाव से मुक्त होने में मदद मिली है.  

इसके अलावा आधुनिकीकरण और जीवनशैली में बदलाव ने लोगों के स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डाला है. जिस कारण पिछले कुछ सालों में योग प्रशिक्षकों और शिक्षकों की मांग कई गुना बढ़ गई है. इसके अलावा ये भी देखा गया है कि कोविड के बाद लोग इम्यूनिटी मजबूत करने पर बल दे रहे हैं. इस वजह से भी लोगों में योग का आकर्षण बढ़ा है.

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