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International Women's Day: ऋषिकेश की पहली महिला मेयर की कहानी, गांव में पढ़ीं, घर भी संभाला और शहर भी

वुमेंस डे के मौके पर डीएनए हिंदी के साथ खास बात-चीत में बीजेपी नेता और ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाईं ने अपनी जिंदगी से जुड़ी छोटी-छोटी बातें बताईं.

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International Women's Day: ऋषिकेश की पहली महिला मेयर की कहानी, गांव में पढ़ीं, घर भी संभाला और शहर भी

Anita Mamgain BJP inspirational women's day

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डीएनए हिंदी: Women's Day यानी महिला दिवस...यूं तो हर दिन ही महिला दिवस होता है, आप उनके बिना एक दिन क्या एक पल की भी कल्पना नहीं कर सकते. घर हो या समाज उन्होंने हर जगह जिम्मेदारी का परचम ऐसा संभाला है कि शायद अगर वह एक दिन की छुट्टी ले लें तो दुनिया इधर की उधर हो जाए. अगर आप अपने आस-पास देखें तो ऐसी कई महिलाएं मिलेंगी जो अपनी-अपनी जिंदगी में एक लड़ाई लड़ते हुए आगे बढी हैं और नाम कमाया है. ऐसी ही एक सशक्त महिला हैं अनीता ममगाईं. जिन्होंने अपनी जिंदगी के किसी भी पड़ाव को अपनी मंजिल नहीं समझा वह आगे बढ़ती गईं राजनीति में आईं और ऋषिकेश की पहली महिला मेयर बनीं.

शादी के बाद घर के साथ-साथ संभाली कॉलेज की पढ़ाई

वुमेंस डे के मौके पर डीएनए हिंदी के साथ खास बात-चीत में बीजेपी नेता और ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाईं ने अपनी जिंदगी से जुड़ी छोटी-छोटी बातें बताईं. उत्तराखंड के कीर्तिनगर ब्लॉक के एक छोटे से गांव में जन्मीं अनीता जी ने बताया कि उन्होंने दसवीं की पढ़ाई गांव के स्कूल से ही की. वहां घर का काम और पढ़ाई उनका रोजमर्रा का काम हुआ करता था. वह पढ़ने में अच्छी थी इसलिए आगे की पढ़ाई के लिए ऋषिकेश आ गईं. 12वीं के बाद घरवालों ने शादी करवाने की सोची. 

Anita mamgai

अनीता ने घरवालों के इस फैसले को स्वीकार करते हुए डॉक्टर हेत राम ममगाईं से शादी की. शादी के बाद अनीता चाहतीं तो अपनी दुनिया सीमित कर सकती थीं लेकिन उन्होंने पढ़ाई पूरी करने का फैसला लिया. इस फैसले में उन्हें पति का सपोर्ट मिला और उन्होंने सारी जिम्मेदारियां संभालते हुए ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की. 

राजनीति में कैसे हुई एंट्री

अनीता ने बताया, बीजेपी एक ऐसा दल था जिससे विचार धारा मिलती थी. साल 1991 में राम जन्म भूमि आंदोलन के समय से बीजेपी से जुड़ाव की शुरुआत हुई. इसके बाद चुनाव के समय सक्रीय रहते थे. ऐसे ही धीरे-धीरे जिम्मेदारियां मिलने लगीं और साल 2007 में महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष पद सौंपा गया. इस तरह एक के बाद पद मिले, अलग-अलग मोर्चे पर काम किया और साल 2018 में पार्टी ने ऋषिकेश से मेयर का टिकट दिया. 

Anita mamgai BJP

हमें निखारती हैं कुछ नया सिखाती हैं चुनौतियां

वो स्त्री है बेचारी नहीं
मुसीबत से लडती है जिंदगी से हारी नहीं

इन लाइन्स के साथ अनीता कहती हैं वो झरने ही क्या जिन्होंने थपेड़े नहीं खाए. एक महिला या किसी के लिए भी सबसे जरूरी यह है कि वे लक्ष्य निर्धारित करें, उस पर अटल रहें और आगे बढ़ें अगर आप खुद पर भरोसा रखते हैं तो परिवार का भी साथ मिलता है. अगर ऐसा हो जाए तो किसी को और क्या चाहिए.

पति और परिवार ने आसान की करियर की राह

अनीता बताती हैं कि उनके राजनीति और सोशल सर्विस के करियर को आगे बढ़ाने में उनके पति और बच्चों का बड़ा सहयोग रहा है. उन्होंने कहा, मैं 16-17 साल से राजनीति में हूं. जब आप सोशल फील्ड में होते हैं तो आपको अपना 100 प्रतिशत देना होता है. समाज में बैलेंस बनाना परिवार के बिना संभव नहीं हो सकता. पति यहां तक कि बच्चों ने भी कभी मुझे एक कदम पीछे लेने वाले हालात पैदा नहीं किए. डॉक्टर साहब ने कभी किचन संभाली तो कभी बच्चे लेकिन जब मेरी जरूरत समाज को रह तो मैं हमेशा जरूरतमंद लोगों के साथ रही. घर में खाना बनाना जो कि आमतौर पर महिलाओं के जिम्मे आता है उसमें कभी मैं अकेली नहीं थी. हम सभी ने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है. बच्चों ने अपनी पढ़ाई पूरी की और आज तीनों डॉक्टर हैं और अपनी-अपनी जिंदगी में सेटल हो चुके हैं.

Anita mamgai BJP 2

आज महिला दिवस के मौके पर मैं सभी को यही संदेश देना चाहती हूं कि हमें घर और समाज दोनों जगह बैलेंस बनाना होगा. यह शक्ति केवल मातृशक्ति में है. यही वह शक्ति है जो दोनों जिम्मेदारियां बखूबी संभाल सकती है इसलिए इसे शक्तिस्वरूपा कहा जाता है. 

ऋषिकेश को लेकर क्या सोचती हैं मेयर अनीता

अनीता ने बताया, जब मैंने पद संभाला तो ऋषिकेश में चैलेंज ही चैलेंज थे. यह शहर विश्वपटल में एक खास पहचान रखने वाला शहर है. यह मात्र एक शहर नहीं है. इससे कई लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी है और पर्यटन के लिए भी लोगों का पसंदीदा है. ऐसे में शहर को उसके अस्तित्व में लौटाना सबसे बड़ी चुनौती था. इसके अलावा हमारा ध्यान महिलाओं के विकास से जुड़े कार्य, महिला सुरक्षा और नशा मुक्ति पर है.

Anita mamgai first mayor of rishikesh

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