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'पत्नी का है एक्स्ट्रा अफेयर तो नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता' तलाक के केस में Jaipur Court का लैंडमार्क डिसीजन

Divorce Case: महिला ने पति से भरण पोषण खर्च के तौर पर 40 लाख रुपये की रकम दिलाए जाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पत्नी के शादी के बाद भी अवैध संबंध रहे हैं. इस कारण वह भरण पोषण खर्च दिए जाने की हकदार नहीं है.

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'पत्नी का है एक्स्ट्रा अफेयर तो नही�ं मिलेगा गुजारा भत्ता' तलाक के केस में Jaipur Court का लैंडमार्क डिसीजन

Court Hammer (Representational Image)

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Divorce Case: तलाक के मुकदमे में जयपुर की फैमिली कोर्ट ने एक ऐसा निर्णय दिया है, जिसे आने वाले समय में तलाक के अन्य मुकदमों के लिए नजीर जैसा माना जा सकता है. कोर्ट ने एक महिला की तरफ से अपने पूर्व पति के खिलाफ भरण पोषण खर्च के लिए दाखिल अर्जी दाखिल कर दी है. कोर्ट ने महिला के शादी के बाद भी गैर पुरुषों से अवैध संबंध (Extra Marital Affair) होने के कारण उसकी याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि महिला के शादी के बाद भी अवैध संबंध रहे हैं. इस कारण वह भरण पोषण खर्च दिए जाने की हकदार नहीं है.

महिला ने मांगे थे पति से 40 लाख रुपये

दरअसल एक महिला ने अपने पति से तलाक के बाद गुजारे भत्ते के लिए मुकदमा दाखिल किया था. महिला ने फैमिली कोर्ट को उसे पूर्व पति से 40 लाख रुपये गुजारे भत्ते के तौर पर दिलाए जाने की मांग की थी. महिला का तर्क था कि पति के पास सरकारी नौकरी है और पैतृक संपत्ति भी है. इसलिए उसे अपने पूर्व पति से स्थायी भरण पोषण दिलाया जाए. 

पति ने उठाया था अवैध संबंध का मुद्दा

पति ने पूर्व पत्नी की याचिका का विरोध किया था. पति ने पत्नी द्वारा शादी के बाद भी अपने मायके में पड़ोस में रहने वाले युवक के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया. पति ने कोर्ट को बताया कि इसी आधार पर कोर्ट ने साल 2019 में दोनों को तलाक दिया था. इसके बाद पति ने बताया कि वह महज एक क्लर्क है. क्लर्क के तौर पर मिलने वाले वेतन से उसे अपनी पूर्व दिवंगत पत्नी से पैदा हुए बेटे और बीमार मां का भी खर्च चलाना पड़ता है. इस कारण वह इतनी बड़ी रकम गुजारे भत्ते के तौर पर नहीं दे सकता है. 

साल 1991 से 2019 तक चली थी शादी

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, इस मामले में पति-पत्नी की शादी नवंबर, 1991 में हुई थी. पत्नी ने शादी के बाद भी अपने मायके में पड़ोस के एक लड़के के साथ अवैध संबंध बरकार रखे थे. इस मामले में 1993 में पत्नी के प्रेमी ने पति पर चाकू से हमला भी किया था, जिसके चलते पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था. इसके बाद पत्नी अपने मायके वापस चली गई थी. इसके बाद सावल 2019 तक उनके बीच तलाक का मुकदमा चलता रहा. साल 2019 में कोर्ट ने क्रूरता और एडल्ट्री के आधार पर पति को पत्नी से तलाक देने पर मंजूरी की मुहर लगाई थी. इसके बाद पत्नी ने पति पर गुजारे भत्ते के लिए मुकदमा दाखिल किया था, जिसमें अब फैसला आया है.

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