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पीएम मोदी ने किया Statue of Equality का उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत 

यह पांच धातुओं सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता से मिलकर बनी है.

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पीएम मोदी ने किया Statue of Equality का उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत 

statue of equality

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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना के शमशाबाद में 11 वीं शताब्दी के भक्ति संत रामानुजाचार्य की स्मृति में 216 फीट ऊंचे 'statue of equality' का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा, स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी से युवाओं का उत्साह बढ़ेगा. रामानुजाचार्य जी की यह प्रतिमा उनके ज्ञान, वैराग्य और आदर्शों की प्रतीक है. 

पीएम मोदी ने आगे कहा, विकास के लिए अपनी जड़ें छोड़ना जरूरी नहीं है. रामानुजाचार्य जी ने दलित समुदाय के लिए किया काम. पीएम मोदी ने आगे कहा, यह भी एक सुखद संयोग है कि रामानुजाचार्य जी पर समारोह उसी समय हो रहा है जब देश अपनी आजादी के 75 साल मना रहा है.

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उन्होंने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव में हम स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहे हैं. आज देश अपने स्वाधीनता सेनानियों को कृतज्ञ श्रद्धांजलि दे रहा है. देश में एक ओर सरदार साहब की ‘Statue of Unity’ एकता की शपथ दोहरा रही है तो वहीं रामानुजाचार्य जी की ‘Statue of Equality’ समानता का संदेश दे रही है. यही एक राष्ट्र के रूप में भारत की विशेषता है. 

क्या है Statue of Equality
216 फीट ऊंची Statue of Equality 'पंचलोहा' से बनी है. यह पांच धातुओं सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का संयोजन है. यह दुनियाभर में बैठने की स्थिति में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है. इसे 'भद्र वेदी' नाम के 54 फुट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित किया गया है. 

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इसमें एक वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर और एक शैक्षिक गैलरी बनाई गई है. जिससे रामानुजाचार्य के कई कार्यों के बारे में जानकारी मिलती है. 

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प्रतिमा की परिकल्पना रामानुजाचार्य आश्रम के चिन्ना जीयर स्वामी ने की है. स्टेच्यू ऑफ इक्वलिटी का उद्घाटन श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोह का एक हिस्सा है. कहा जा रहा है कि इस मूर्ती के पास समानता के आधार पर सभी देशों के झंडे लगाए जाएंगे. 
 

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