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Rajasthan Assembly Electons 2023: चुनावी आचार संहिता से पहले राजस्थान में CM गहलोत का नया दांव, घोषित किए 3 नए जिले

Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में 3 नए जिले बनाए जाने का ऐलान शुक्रवार को खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने किया. अब राज्य में कुल 53 जिले हो जाएंगे.

Rajasthan Assembly Electons 2023: चुनावी आचार संहिता से पहले राजस्थान में CM गहलोत का नया दांव, घोषित किए 3 नए जिले

Ashok Gehlot

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डीएनए हिंदी: Rajasthan News- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होने से पहले शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा की है. मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान में तीन और नए जिले बनाने की घोषणा की है. उन्होंने खुद इसका ऐलान करते हुए कहा कि जनता की मांग और उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश के तहत मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन सिटी को जिला बनाया जा रहा है. राजस्थान अब 53 जिलों का प्रदेश होगा. आगे भी समिति की सिफारिशों के तहत सीमांकन आदि की परेशानियां दूर की जाएंगी. गहलोत की यह घोषणा उस समय आई है, जब शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी वादों और लुभावनी घोषणाओं यानी Freebies को लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. साथ ही दोनों राज्यों की सरकारों से जवाब तलब किया है. 

इन जिलों में से निकलेंगे तीन नए जिले

तीनों नए जिलों में मालपुरा का गठन टोंक जिले को काटकर किया जाएगा, जबकि कुचामन सिटी को डिडवाना जिले में से हिस्सेदारी मिलेगी. सुजानगढ़ जिले का निर्माण चुरू जिले में से होगा. गहलोत सरकार ने इसी साल मार्च में भी 19 नए जिले बनाने की घोषणा की थी. इन जिलों का गठन अगस्त में कर दिया गया था. मार्च में नए जिलों की घोषणा के बाद ही मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन सिटी में धरने-प्रदर्शन शुरू हो गए थे. यहां के लोग लंबे समय से अपने लिए अलग जिले बनाए जाने की मांग कर रहे थे. करीब 6 महीने तक प्रदर्शनों के बाद आखिरकार चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने उनकी मांग पूरी कर दी है.

पहले बनाए गए थे ये 19 जिले

गहलोत सरकार ने मार्च में डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली (बहरोड़), बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना (कुचामन), खैरथल, नीमकाथाना, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, शाहपुरा, फलौदी, सलूंबर, सांचोर को नए जिले बनाने की घोषणा की थी. 

नए जिलों के गठन को माना जा रहा है मास्टर स्ट्रोक

राज्य में एक ही साल में 22 जिलों के गठन को राजनीतिक विशेषज्ञ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मास्टर स्ट्रोक मान रहे हैं. इनका अनुमान है कि इस कदम से गहलोत को चुनावों में सत्ता विरोधी रूझान से निपटने में मदद मिलेगी. हालांकि विपक्षी दल भाजपा ने इसे लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा है. भाजपा का कहना है कि यह महज जनता का ध्यान मोड़ने की कवायद है. भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सवाल किया था कि मौजूदा 33 जिलों में राजस्व से जुड़े 4.25 लाख मामलों की सुनवाई क्या 50 जिलों के गठन से पूरी हो जाएगी. गहलोत सरकार ने बिना किसी तैयारी और प्लानिंग के नए जिले बनाने के घोषणा कर दी है. 

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