Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Data कलेक्ट करो या जेल जाओ, सरकार ने VPN सर्विस प्रोवाइडर्स को दिए निर्देश

VPN कंपनियों को यूजर्स का DATA 5 साल के लिए स्टोर करना होगा. सरकार नए कानूनों पर विचार कर रही है.

Data कलेक्ट करो या जेल जाओ, सरकार ने VPN सर्विस प्रोवाइडर्स को दिए निर्देश

VPN कंपनियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें. (सांकेतिक तस्वीर)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: भारतीय आईटी मंत्रालय (IT Ministry) ने वीपीएन कंपनियों (VPN Companies) को कम से कम पांच साल की अवधि के लिए यूजर्स का डेटा (DATA) कलेक्ट और स्टोर करने का निर्देश दिया है. बीते सप्ताह प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस बात जिक्र किया गया है.

CERT-in, या कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने भी डेटा सेंटर और क्रिप्टो एक्सचेंज को देश में साइबर सुरक्षा से संबंधित प्रतिक्रिया गतिविधियों और इमरजेंसी मेजर्स के मद्देनजर डेटा स्टोर करने को कहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक नए कानून के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की मांगों को पूरा करने में फेल रहने पर एक साल तक की कैद हो सकती है. अगर यूजर अपनी सर्विस को रद्द कर दे तो भी उसके रिकॉर्ड पर कंपनियां नजर रखें. आईटी मंत्रालय ने नया निर्देश दिया है.

Pegasus पर कांग्रेस ने की IT मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव की मांग, LS स्पीकर को लिखा पत्र

कैसे काम करता है VPN?

प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए लोग देश में VPN सेवाओं का सहारा लेते हैं. वीपीएन या वर्चुअल प्रॉक्सी नेटवर्क यूजर्स को वेबसाइट ट्रैकर्स से फ्री रहने की इजाजत देते हैं जो यूजर्स के लोकेशन और दूसरे जैसे डेटा का ट्रैक रख सकते हैं. ये सेवाएं RAM-ओनली सर्वर्स पर चलती हैं. मानक अस्थायी पैमाने से परे उपयोगकर्ता-डेटा के किसी भी स्टोरेज को रोकती हैं.

DNA Explainer: क्या है पेगासस जासूसी केस, जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गठित की कमेटी?

क्या होगा असर?

अगर नया नियम लागू किया जाता है तो कंपनियों को स्टोरेज सर्वर पर स्विच करने के लिए मजबूर किया जाएगा, जो उन्हें यूजर्स-डेटा में लॉग इन करने और इसे कम से कम पांच साल की निर्धारित अवधि के लिए स्टोर करने की अनुमति देगा. स्टोरेज सर्वर पर स्विच करने का मतलब कंपनियों के लिए कास्ट बढ़ जाएगा. अगर कोई कंपनी ऐसा करने में असफल रहती है तो 1 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. 

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement