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West Bengal Panchayat Election में सास-बहू का 'झगड़ा', पूरी बात जानकर दंग रह जाएंगे आप

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव चल रहे हैं. वहां एक ग्राम पंचायत में सास और बहू, दोनों आमने-सामने उतर आई हैं. 

West Bengal Panchayat Election में सास-बहू का 'झगड़ा', पूरी बात जानकर दंग रह जाएंगे आप

West Bengal Panchayat Election में सास और बहू एक ही सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

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डीएनए हिंदी: Saas Bahu News- सास और बहू के बीच होने वाले झगड़ों के बारे में आपने कई बार सुना होगा, लेकिन सास-बहू की यह लड़ाई अलग है. पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की एक ग्राम पंचायत में सास और बहू ने चुनावी उम्मीदवार के तौर पर एक-दूसरे के सामने ताल ठोक दी है. दोनों ऐसी पार्टियों के समर्थन से मैदान में उतरी हैं, जिन्हें एक-दूसरे का जानी दुश्मन माना जाता है. एक रामपंथी बन गई है तो दूसरी ने वामपंथ का दामन थाम लिया है. इसके चलते यह चुनाव पूरे जिले में चर्चित हो गया है.

बहू बनी भाजपाई तो सास ने थामा लाल झंडा

दरअसल हुगली जिले के पंडुआ में सिमलागढ़ भिटासिन ग्राम पंचायत में सास-बहू के बीच मुकाबला है. बहू सोनाली मांडी ने भाजपा का भगवा झंडा थाम रखा है तो रिश्ते में उसकी सास लगने वाली लक्ष्मी रानी ने CPM के लाल झंडे पर भरोसा जताया है. अब एक ही परिवार से चुनावी मैदान में उतरकर दोनों एक-दूसरे को चुनौती दे रही हैं.

चुनौती घर की दहलीज से बार तक सीमित

हालांकि इस मुकाबले की खास बात यह है कि बाहर दोनों दलों के बीच की खटास का असर उन्होंने घर में नहीं आने दिया है. दोनों रोजाना साथ मिलकर घर का काम निपटाती हैं और फिर अपने चुनाव प्रचार के लिए चली जाती हैं. सोनाली के मुताबिक, ससुराल में मैंने चुनाव लड़ने से पहले अपनी सास के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उन्होंने भी दिल खोलकर आशीर्वाद दिया.

भाजपा से नाराज हैं सास लक्ष्मी

भले ही बहू सोनाली भगवा झंडे पर टिकट लेकर पंचायत चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन सास भाजपा से बेहद नाराज हैं. उनका आरोप है कि भाजपा की केंद्र सरकार ने 100 दिन के काम की व्यवस्था बंद करा दी. आवास योजना से लेकर पानी की समस्या तक निवारण अभी नहीं हुआ है. इसीलिए वो चुनाव में उतरी हैं. उनका कहना है कि गांव में पानी की समस्या है, पक्की सड़क नहीं बनी है और इन्ही सब समस्याओं को लेकर मैं चुनावी मैदान में उतरी हूं.

दोनों ही चाहती हैं गांव का विकास

दोनों ही प्रत्याशियों का मानना है कि गांव में विकास होना जरूरी है. इसी कारण दोनों में से कोई भी जीते, इससे कोई समस्या नहीं है. उनका कहना है कि घर से बाहर भले ही राजनीति हो, लेकिन अंदर हम मिलजुलकर ही रहेंगे.

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