Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

कौन हैं Odisha में नगर निगम चुनाव जीतकर इतिहास रचने वाली Gulmaki Dalawzi Habib

निर्दलीय उमीदवार के तौर पर चुनाव में उतरी गुलमाकी दलावज़ी हबीब ने भद्रक नगरपालिका का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है.

कौन हैं Odisha में नगर निगम चुनाव जीतकर इतिहास रचने वाली  Gulmaki Dalawzi Habib
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी : उड़ीसा में हाल में हुए नगर निगम चुनावों में 31 साल की गुलमाकी दलावज़ी हबीब(Gulmaki Dalawzi Habib) ने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है. निर्दलीय उमीदवार के तौर पर चुनाव में उतरी दलावज़ी हबीब ने भद्रक नगरपालिका का चुनाव 3,256 मतों से जीता. बीजू जनता दल की अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी स्मिता मिश्रा को हराते हुए गुलमाकी हबीब(Gulmaki Dalawzi Habib) ने एक इतिहास भी रच दिया. यह पहला मौक़ा है जब किसी मुस्लिम महिला की इस तरह की सीधी जीत नगर निगम अथवा नगर पालिका चुनावों में हुई है.

 

एमबीए हैं गुलमाकी दलावज़ी हबीब, पति या पिता की पॉलिटिक्स से नहीं है कोई नाता

बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री होल्डर हबीब (Gulmaki Dalawzi Habib) राजनीति में सीधे तौर पर सक्रिय थीं. उनकी राजनीति में उनके पति या ससुराल वालों का कोई योगदान नहीं था, हालांकि उनके परिवार वाले स्थानीय राजनीति में दबदबा रखते हैं. उनके पति शेख जाहिद हबीब भद्रक BJDL के उपाध्यक्ष हुआ करते थे.

शहर में काफ़ी दिनों से मांग उठ रही थी कि अल्पसंख्यक समुदाय से कोई प्रत्याशी हो. भद्रक में मुसलमानों की अच्छी ख़ासी संख्या है. यह सीट जैसे ही महिलाओं के लिए आरक्षित हुई हबीब का नाम एक स्वर में सामने निकल कर आया. इस बात पर सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के कुछ लोग नाराज़ भी हो गए.

Rajasthan: 'लखपति' हैं झुंझनू के इस गौशाला की गायें, हर गाय की है 1 लाख की FD

आसान नहीं था गुलमाकी दलावज़ी हबीब का सफर

दलावज़ी के नाम पर सहमति बनते ही यह माना गया था कि उनकी राह आसान नहीं होगी. शहर में दंगों का एक माहौल रहा है. अपनी जीत पर टिप्पणी करते हुए हबीब(Gulmaki Dalawzi Habib) कहती हैं, "अपने कैम्पेन के दौरान मुझे ऐसा कभी नहीं लगा कि लोगों में मुस्लिम महिला प्रत्याशी को लेकर कोई समस्या है. किसी भी धर्म के लोग हों उन्होंने मुझे अपनी बेटी की तरह पीटा."

हबीब जल्द ही भद्रक नगरपालिका(Bhadrak Municipality) की चेयर पर्सन के तौर पर चुनी जाएंगी. हालांकि इलाक़े में मुस्लिम महिलाओं ने कॉउन्सलर और वार्डमेंबर के तौर पर सीधे चुनाव जीते हैं पर यह पहला मौक़ा था कि किसी मुस्लिम महिला को सीधे तौर नगर परिषद् की अध्यक्ष के तौर पर चुना जा रहा है.

1984 से 1990 तक शहर की नगर परिषद् के अध्यक्ष रहने वाले अकबर अली ने इस बाबत कहा, "ओड़िशा के चुनावी इतिहास में अब तक किसी मुस्लिम महिला का चुनाव बतौर विधायक नहीं हुआ है. मुस्लिम समुदाय अपने घर की महिलाओं को चुनाव लड़ने के लिए नहीं भेजना चाहता है. जब से ओड़िशा सरकार ने तीन-स्तरीय पंचायती राज संस्था में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित कर दिए हैं, मुस्लिम औरतें चुनाव लड़ने के लिए आगे आ रही हैं."

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement