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Azamgarh और रामपुर की जीत के बाद यूपी की 80 सीटों पर बीजेपी की निगाह, समझें क्या है CM योगी का प्लान

CM Yogi Adityanath: योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करेगी. यह दावा आजमगढ़ और रामपुर की जीत के बाद किया गया है.

Azamgarh और रामपुर की जीत के बाद यूपी की 80 सीटों पर बीजेपी की निगाह, समझें क्या है CM योगी का प्लान

सीएम योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.

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डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अमेठी सीट पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को हरा दिया था. ठीक उसी तरह उपचुनाव में सपा का गढ़ मानी जाने वाली आजमगढ़ और रामपुर सीट पर भी बीजेपी (BJP) ने जीत हासिल की है. 2014 और 2019 में शानदार प्रदर्शन के बाद 2024 में बीजेपी सभी 80 सीटें जीतने की योजना पर काम कर रही है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी. आजमगढ़, रामपुर और अमेठी में विपक्षियों को चित कर चुकी बीजेपी के इस दावे के बाद विपक्षियों के कान खड़े हो गए हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी अपने विपक्षियों पर मनौवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रही है.

2022 में विपक्ष की जोरदार कोशिश के बावजूद बीजेपी को बंपर जीत हासिल हुई. इसी के चलते बीजेपी के हौसले बुलंद है. पार्टी ने अभी से 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा के सेमीफाइनल माने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी ने वे सीटें जीत ली हैं, जिन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जा रहा था. 2019 में मोदी लहर में रामपुर में आजम खां और आजमगढ़ में खुद अखिलेश यादव ने इन सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन अब इन सीटों पर भी बीजेपी का कब्जा हो चुका है.

यह भी पढ़ें- आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव के नतीजों में छिपे हैं दूर के संदेश!

योगी के दावे ने बढ़ा दी चिंता
बीजेपी लगातार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए काम कर रही है. बीजेपी के नेता लगभग हर दिन जिलों का दौरा कर रहे हैं. यूपी सरकार के मंत्रियों को भी आउटरीच में लगाया गया है और वे लगातार जनता के बीच जाकर बीजेपी को मजबूत कर रहे हैं. विपक्ष के नदारद रहने की वजह से भी बीजेपी को खुला खेल खेलने का मौका मिल गया है. विपक्ष का सक्रियता इस कदर कम है कि आजमगढ़ और रामपुर में खुद अखिलेश यादव ही चुनाव प्रचार करने नहीं गए.

यह भी पढ़ें- Azamgarh Election: क्यों बिखर रहे हैं समाजवाद के गढ़, बीजेपी से हार के बाद कुछ सीखेगी पार्टी?

दूसरी ओर, विधानसभा चुनाव में सिर्फ़ दो सीटों पर सिमट गई कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव के लिए कोई खास चुनौती पेश करने की स्थिति में नहीं दिख रही है. ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि 2019 में जीती हुई सीटें बरकरार रखने के साथ ही उन सीटों पर भी जीत हासिल की जाए, जहां सपा-बसपा गठबंधन ने उसे हरा दिया था. अब सपा और बसपा का गठबंधन भी टूट चुका है तो बीजेपी को इसमें अपनी जीत दिख रही है.

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