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Bihar Hooch Tragedy: 5 साल में 200 से ज्यादा मौतें, NCRB ने बताया महज 23, आंकड़ों में अंतर से उठ रहे सवाल

Bihar Hooch Tragedy: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और वास्तविक मौत के आंकड़ों में हमेशा से अंतर रहा है. पढ़ें NCRB की हालिया रिपोर्ट.

Bihar Hooch Tragedy: 5 साल में 200 से ज्यादा मौतें, NCRB ने बताया महज 23, आंकड़ों में अंतर से उठ रहे सवाल

बिहार में जहरीली शराब पीने से अब तक 38 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत.

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डीएनए हिंदी: बिहार में हर साल जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने की खबरें सामने आती हैं. सरकारी आंकड़े और मौत के वास्तविक आंकड़ों में अंतर की भी खबरें नई नहीं हैं. 16 से 18 अगस्त के बीच साल 2016 में बिहार के गोपालगंज जिले के खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी. यह वही साल था जब अप्रैल महीने में शराबबंदी लागू हुई थी. जहरीली शराब पीने से हुई मौत के ऐसे ही आकंड़े ही साल-दर साल आते रहे हैं.

यह आंकड़ा सबकी नजर में था लेकिन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का डेटा इससे अलग है. NCRB के मुताबिक इस साल महज 6 मौतें हुई थीं. यह आंकड़ा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से NCRB को दिया जाता है. मतलब साफ है कि सरकार ने इतनी ही मौतों की जानकारी NCRB को दी होगी.

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सरकारी और वास्तविक आंकड़ों में हेरफेर

यह बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौत के आंकड़ों में बड़े अंतर के हेरफेर का इकलौता मामला नहीं है. साल 2016 से 2021 तक NCRB के डेटा पर नजर डालें बिहार में केवल 23 मौतें ऐसी हुई हैं, जिनकी वजह जहरीली शराब रही है. NCRB के मुताबिक बिहार में 2016 में 6, 2017 में 0, 2018 में 0, 2019 में 9, 2020 में 6 और 2021 में 2 मौतें जहरीली शराब पीने की वजह से हुई हैं.

यह वही दौर है जब राज्यमें कम से कम 20 जहरीली शराब के केस सामने आए थे, जिनमें 200 लोगों की मौत हुई थी. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 2021 में 9 जहरीली शराब के अलग-अलग केस सामने आए थे, जिनमें 106 लोगों ने जान गंवा दी थी.

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भागलपुर में जहरीली शराब पीने से 22 से 23 मार्च के बीच 22 लोगों की जान गई थी. गोपालगंज में 2 से 3 नवंबर के बी 20 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 3 से 4 नवंबर के बीच गोपालगंज में 15 लोगों की जान गई थी. 

38 से ज्यादा लोगों की मौत, सीएम नीतीश बोले- दूसरे राज्यों में भी होते हैं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों आचोलचनाओं के केंद्र में हैं. सारण जिले में 38 से ज्यादा लोगों की मौत आधिकारिक तौरपर शराब पीने से हुई है. नीतीश कुमार का कहना है कि जो लोग शराब पीएंगे, मरेंगे ही. उन्होंने अपने बचाव में यह भी कहा है कि दूसरे राज्यों में भी शराब पीने से मौत होती है. बीते 3 दिनों में सीवान में 5 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से होती है.

शराब के खिलाफ फिर शुरू होगी नीतीश की पदयात्रा

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2022 से अब तक 10 जहरीली शराब के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें सारण से 2 और नालंदा से 3 शामिल हैं. JDU ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि नीतीश कुमार शराब के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए दिसंबर 2025 के बाद बिहार यात्रा शुरू करेंगे.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा था, 'मैं लोगों को शराब पीने के दुष्प्रभावों के बारे में बताने के लिए राज्य भर में यात्रा करूंगा.' बिहार शराब कांड पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक पैनल तैयार किया है. मामले की जांच जारी है. आंकड़ों में हेरफेर बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं.

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