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बिहार में एक ऐसा मंदिर जहां देवताओं के साथ होती है शहीदों की भी पूजा!

बिहार के बेगूसराय में एक ऐसा मंदिर है जहां देवताओं के साथ-साथ शहीदों की भी पूजा होती है. इस गांव का नाम परना है. मंदिर में नई पीढ़ी के सामने शहीदों की वीरगाथा भी सुनाई जाती है. पढ़ें, हमारे रिपोर्टर जितेंद्र कुमार की रिपोर्ट...

बिहार में एक ऐसा मंदिर जहां देवताओं के साथ होती है शहीदों की भी पूजा!

परना गांव का मंदिर

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डीएनए हिन्दी: बिहार (Bihar) के बेगूसराय (Begusarai) में एक ऐसा गांव है जहां आजादी की लड़ाई में शहीद हुए महापुरुषों की भी पूजा होती है. बेगूसराय के सदर अनुमंडल के परना गांव में देवी-देवताओं के साथ स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए महापुरुषों की भी पूजा होती है.

दरअसल जिला मुख्यालय से सिर्फ 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सदर अनुमंडल क्षेत्र का परना गांव बेगूसराय और आसपास के जिलों में किसी परिचय का मोहताज नहीं है. वजह सिर्फ यह कि यहां के बच्चे, बूढ़े, युवा और महिला सुबह-सवेरे उठकर एक तरफ जहां शिवभक्ति में तल्लीन एवं आदि शक्ति दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं तो वहीं साथ में मंदिर परिसर में ही स्थित महापुरुषों की पूजा आरती भी पूरी श्रद्धा भाव से करते हैं. 

गांव के लोगों का कहना है कि हम उनकी पूजा-अर्चना करते हैं जिन्होंने अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर देश को आजाद करने में अहम भूमिका निभाई. हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनके त्याग और बलिदान को अगली पीढ़ी से परिचित कराएं.

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parana

मंदिर में शिव ज्योति झा बतौर पुजारी हैं. वह प्रतिदिन सुबह-शाम इन देवी-देवताओं के साथ-साथ इस गांव के वीर शहीदों की भी पूजा करते हैं. यह परंपरा पिछले 35 सालों से चली आ रही है. 

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ग्रामिणों का कहना है कि इन महापुरुषों की पूजा में सिर्फ गांव वाले शरीक होते हैं ऐसा नहीं बल्कि इसके लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. दूसरे गांव के लोग भी महापुरुषों की पूजा में शरीक होते हैं. यही नहीं मंदिर प्रांगण में इन महापुरुषों की वीरगाथा नई पीढ़ी को सुनाई भी जाती है. गांव वालों का कहना है कि धीरे-धीरे यह मंदिर तीर्थस्थल के रूप में प्रचलित हो गया है.
 

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