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एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे Paralysis के मरीज, वैज्ञानिकों ने बनाया खास डिवाइस

मिशेल की रीड की हड्डी में एक इलेक्ट्रोड डिवाइस को इम्प्लांट किया गया है. यह डिवाइस उन्हें खड़े होने और चलने-फिरने में सक्षम बनाता है.

एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे Paralysis के मरीज, वैज्ञानिकों ने बनाया खास डिवाइस
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डीएनए हिंदी: 2017 में एक सड़क दुर्घटना के दौरान इटली के रहने वाले मिशेल रोकाती (Michel Roccati) की  रीड की हड्डी में गंभीर चोटें आईं थी. इस हादसे के बाद चलना-फिरना मिशेल के लिए एक सपने जैसा हो गया था. हालांकि अब उनकी जिंदगी में उम्मीद की किरण लौट आई है. एक नई तकनीक की मदद से मिशेल एक बार फिर अपने दोस्तों के साथ घूम सकते हैं और वॉकर की मदद से चल भी सकते हैं.

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, मिशेल की रीड की हड्डी में एक इलेक्ट्रोड डिवाइस को इम्प्लांट (Electrode Device Implanted) किया गया है. यह डिवाइस उन्हें खड़े होने और चलने-फिरने में सक्षम बनाता है. 

वहीं वैज्ञानिकों के इस करिश्मे पर खुशी जाहिर करते हुए रोकाती ने कहा, 'अब मैं जहां चाहूं, चलकर जा सकता हूं. मुझे अपनी पुरानी लाइफ कुछ हद तक वापस मिल गई है'.

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बता दें कि मिशेल रोकाती 29 और 41 वर्ष की उम्र के उन तीन पुरुषों में से एक थे जिन्हें STIMO क्लीनिकल ट्रायल में शामिल किया गया था. इस शोध का नेतृत्व लॉजेन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर जोसेलीन बलोच और स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के ग्रेगोइरे कोर्टाइन ने किया. वहीं बीते सोमवार शोध के नतीजों को नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया.

इसमें बताया गया कि ट्रायल में शामिल प्रतिभागियों के एपिड्यूरल स्पेस (Vertebrae और Spinal Cord Membrane का क्षेत्र) में 16-इलेक्ट्रोड डिवाइस लगाई गई हैं. यह इलेक्ट्रोड पेट की त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित एक पेसमेकर से करंट प्राप्त करते हैं. ट्रायल में शामिल सभी लोगों के स्पाइनल कॉर्ड में काफी चोट आई थी जिसकी वजह से उनका उठाना, चलना-फिरना पूरी तरह से बंद हो गया था लेकिन इस डिवाइस की मदद से अब वे बहुत कुछ कर सकते हैं.

बता दें कि यह पहला ऐसा अध्ययन है जिसमें बताया गया है कि सर्जरी के तुरंत बाद रीड की चोट से पीड़ित व्यक्ति ट्रेडमिल पर भी चल सकता है.

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