डीएनए हिन्दी: Paper Bag Day 2022- बढ़ते प्रदूषण और प्लास्टिक के कारण हो रही समस्याओं के बीच अब पेपर से बने थैलियों का इस्तेमाल तेज हो गया है. इस चीज को और अधिक बढ़ावा देने के लिए हर साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाता है. प्लास्टिक न केवल सड़कों पर गंदगी का कारण है बल्कि समुद्र या नदियों में भी प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक ही है. बता दें प्लास्टिक को जमीन में गलने में सालों लग जाते हैं और इनसे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है. वहीं पेपर बैग (Paper Bag Day) बड़ी आसानी से नष्ट हो जाता है और यह प्रदूषण भी नहीं फैलाता है. आइए जानते हैं क्या है पेपर बैग का इतिहास और क्या है इसके फायदे.
एक अमेरिकी आविष्कारक फ्रांसिस वोले ने वर्ष 1852 ने पहली बार पेपर बैग बनाने का मशीन बनाया था. साल 1871 में फिर मार्गरेट ई नाइट ने फ्लैट बॉटम बैग बनाने वाला मशीन विकसित किया था. इसे बहुत बड़ी क्रांति मानी गई थी और इसका इस्तेमाल किराने की दुकानों में खूब होने लगा था. कई सालों में इस बैग के कई रूप सामने आते रहे और उनकी डिजाइनिंग बेहतर होती रही.
अब इसे प्लास्टिक से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे कारगर हथियार माना जाता है. भारत समेत कई देशों में सिंगल यूस प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे बड़ा बदलाव आएगा. 12 जुलाई का दिन दुनियाभर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम और कागज से बने बैग के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.
पेपर बैग की खास बात यह है कि इस 100% तक रीसाइकल किया जा सकता है.
साथ ही पेपर बैग बनाने में कम ऊर्जा की खपत होती है और इसे खाद बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
पेपर बैग से किसी भी जानवर को उतना नुकसान नहीं होता है जितना प्लास्टिक से हो रहा है.
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