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Parenting Tips: बड़े हो रहे बेटे के हैं पिता तो Bonding के लिए रखें इन बातों का ध्यान

यदि आप भी अपने बेटे के साथ Bonding को मजबूत करना चाहते हैं इन बातों का जरूर रखें ध्यान.

Parenting Tips: बड़े हो रहे बेटे के हैं पिता तो Bonding के लिए रखें इन बातों का ध्यान
सांकेतिक चित्र

डीएनए हिंदी: परिवार के साथ वक्त बिताना आज के व्यस्त जीवन में चुनौती बन गया है. हम अपने परिवार और बच्चों को अधिक समय (Family Time) नहीं दे पाते हैं. इस पर भी अगर माता-पिता दोनों ही कामकाजी (Working Parents) हैं तो बच्चों के साथ उनके रिश्ते में खटास आ जाती है. जैसा की हम जानते हैं कि मां बेटी का रिश्ता खास होता है उसी तरह पिता-पुत्र (Father Son Bonding) के रिश्ते में भी मिठास होती है. मां और बेटी समय के साथ एक दूसरे के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करते हैं, लेकिन एक पिता कई कारणों से अपने बेटे का दोस्त नहीं बन पाता है. यही कारण है कि एक पिता को यह प्रयास करते रहना चाहिए कि वह अपने बच्चे का ऐसा दोस्त बने जो अपनी सारी बातें उनसे शेयर करे. यदि आप भी अपने बेटे के साथ Bonding को मजबूत करना चाहते हैं तो इन बातों (Parenting Tips) का ध्यान जरूर रखें.

बेटे के साथ बिताएं Quality Time

इस भागदौड़ भरी जिंदगी (Busy Lifestyle) में अपने लिए समय निकालना कठिन हो जाता है, लेकिन एक पिता को अपने बच्चों के लिए जरूर समय निकालना चाहिए. आप अपने बच्चों के साथ उनकी रचनात्मक एक्टिविटीज़ (Creative Activities) में भाग लें. छुट्टी वाले दिन उनके साथ कहीं घूमने जाएं. साथ ही बच्चों के साथ खेलें और उन्हें अपने साथ घर के कामों में साथ देने के लिए कहें. ऐसा करने से आप अपनी Bonding को मजबूत करने में सफल होंगे.

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बेटे के सामने एक सकारात्मक उदाहरण पेश करें

बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं, इसलिए पिता को हमेशा अपने बच्चों के सामने अपने आप को एक अच्छे उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए. इसी उदाहरण से उसके व्यक्तित्व का विकास होता है. सभी माता-पिता अपने बच्चे में अच्छे गुण चाहते हैं. इसलिए भी यह बात महत्वपूर्ण हो जाती है.

बच्चों की बातों को ध्यान से सुने

कई बार पिता को काम में व्यस्तता की वजह से अपने बच्चे की बातें बिना मतलब की या बेतुकी लगती है, लेकिन आप यह मत भूलिए कि ये उनकी भावनाएं हैं. जब माता-पिता दोनों ही काम में व्यस्त होते हैं तो बच्चे अपनी बातों को अपने भीतर ही दबा लेते हैं. इसका असर बच्चों के मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है. इसलिए पिता को अपने बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए और उनकी बातें सुननी चाहिए. ऐसा करने से बच्चों को खुशी मिलती है.

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