डीएनए हिंदी: हमारे जीवन में पानी एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन चौकने वाली बात यह है कि धरती का 97% हिस्सा समुद्र के पानी से घिरा हुआ है यानी इतना पानी पीने लायक नहीं है. केवल 2.7 प्रतिशत हिस्सा ही पीने योग्य है. बता दें कि दुनिया पानी के बोतल की खरीदारी सबसे अधिक होती है. एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन 150 करोड़ से अधिक पानी बोतलों (Water Bottle Expiry) की बिक्री होती है. लेकिन क्या अपने ध्यान दिया है कि इन पानी की बोतलों पर एक्सपाइरी डेट लिखी होती है. अब सवाल यह उठता है कि क्या पानी भी खराब हो सकता है?
जब भी लोग पानी के बोतल पर Expiry Date देखते हैं तो उन्हें लगता है कि इसमें रखा पानी तय समय के बाद खराब हो जाता है. जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो स्वच्छ पानी इतनी जल्दी खराब नहीं हो सकता है. यह एक्सपाइरी पानी की नहीं पानी के बोतल की होती है. माना जाता है कि अगर पानी के बोतल को ठंडे जगह और धूप से दूर रखा जाएगा तो उसे 6 महीने तक भी स्टोर किया जा सकता है. लेकिन जब पानी कार्बोनटेड हो जाता है तो उसका स्वाद बदल जाता है.
शोधकर्ता बताते हैं कि बोतल में रखा पानी तब जल्दी खराब होता है जब वह गर्मी या तेज धूप के संपर्क में आता है. ऐसा होने से बोतल की प्लास्टिक में मौजूद Polyethene Terephthalate (PET) लीचिंग शुरू कर देता है जो पानी को खराब कर देता है. एक कारण यह भी है कि कई बोतल बनाने वाली कंपनियां उसी मशीन इस्तेमाल कर रहे हैं जो वे सोडा या कोल्ड ड्रिंक बनाने में इस्तेमाल करते हैं. इस पैकेजिंग से पानी जल्दी खराब हो जाता है.
जब भी कोई व्यक्ति एक्स्पायर्ड बोतल से पानी पीता है तो वह उसके प्रजनन संबंधी समस्याएं, मस्तिष्क से संबंधित समस्या या उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है. ऐसे मामलों यह जांच लें कि क्या पानी स्वाद ठीक है या नहीं.
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