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14 जून को दिखा था पहला Super Moon, जानिए साल में होते हैं कितने

Super Moon तब होता है जब चंद्रमा और धरती के बीच में दूरी सबसे कम हो जाती है. इससे पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है.

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14 जून को दिखा था पहला  Super Moon, जानिए साल में होते हैं कितने
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डीएनए हिंदी : सुपर मून (Super Moon) तब होता है जब चंद्रमा और धरती के बीच में दूरी सबसे कम हो जाती है. इससे पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है, जिसके बाद चांद की चमक काफी ज्यादा होती है और दूसरी तरफ जब चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा सुर्ख लाला हो जाता है तो को ब्लड मून (Blood Moon) कहलाता है.

क्या होता है सुपरमून ?
जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है तो उसका आकार 12 प्रतिशत बड़ा दिखाई देता है. आम तौर पर चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 406,300 किमी होती है. लेकिन जब यह दूरी घटाकर 356,700 किमी कर दी जाती है, तो चंद्रमा बड़ा दिखाई देता है. इसलिए इसे सुपरमून कहा जाता है.

सुपरमून' 1970 के दशक में एक वैज्ञानिक की बजाय ज्योतिषी द्वारा गढ़ा गया शब्द है.
सुपरमून उस स्थिति को दर्शाता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होता है. इसे ‘पेरिजी फूल मून’ (Perigee Fool Moon) भी कहा जाता है.
इसमें चंद्रमा 14% ज्यादा बड़ा एवं 30% अधिक चमकीला दिखाई पड़ता है.

ब्लड मून क्या है? 
पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति में जब चंद्रमा पर पृथ्वी की पूरी छाया पड़ती है तो भी सूर्य की कुछ किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से अपवर्तित होकर चन्द्रमा पर गिरती हैं और यह हल्के लाल-भूरे रंग का दिखाई देता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है.

ब्लू मून (Blue Moon) क्या होता है?
जब चंद्रग्रहण पर पूर्ण चंद्रमा दिखता है तो चांद की निचली सतह से नीले रंग की रोशनी बिखरती है और तब चन्द्रमा को ब्लू मून (Blue Moon) कहते है.

क्या होता है स्ट्रॉबेरी मून?
उत्तरी अमेरिका में इसी दौरान स्ट्रॉबेरी की फसल पकने लगती है, इसलिए इसे स्ट्रॉबेरी सुपरमून नाम दिया गया है. जून के फुल मून को कई नामों से जाना जाता है लेकिन सबसे लोकप्रिय नाम है स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon).  यूरोप में इसे रोज मून भी कहा जाता है. इसके अलावा स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) को हनी मून, हॉट मून के नाम से भी जाना जाता है.   हाल ही में स्ट्राबेरी मून 14 जून 2022 को UK सहित दुनिया भर के देशों में दिखाई दिया . इसकी झलक 13 जून को भी दुनिया भर के कई देशों में  देखने को मिली, जब चांद दिन के उजाले में साफ़ दिखाई दे रहा था.  18 जून को शाम 5.21 बजे चंद्रमा भारत में शनि के पास से गुजरेगा, लोग इस दुर्लभ खगोलीय घटना को बिना दूरबीन या उपकरण के सीधे अपनी आंखों से देख सकेंगे.  

दरअसल, 'स्ट्रॉबेरी मून' का इस मौसम में आने वाले रसीले व सुंदर फल स्ट्रॉबेरी से कोई संबंध नहीं है. न तो इसका रंग गुलाबी होता है और न चांद इसके जैसा नजर आता है. यह नाम अमेरिकी जनजातियों द्वारा रखा गया है. इस नाम का उपयोग पहली बार डकोटा और लकोटा के लोगों ने किया था. जून में स्ट्रॉबेरी पक जाती हैं और इन्हें तोड़ा जाता है, इसलिए इसे स्ट्रॉबेरी मून कहा जाता है. 


इस साल 6 और फुल मून देखने को मिलेंगे - जानिए कब -  

जुलाई 13: Buck moon

अगस्त 11: Sturgeon moon

सितम्बर 10: Harvest moon

अक्टूबर 9: Hunter’s moon

नवम्बर 8:Beaver moon

दिसम्बर 7: Cold moon

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