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Climate Change कहीं छीन न ले टोमैटो केचअप का भी स्वाद!

टोमैटो कैचप के शौकीनों के लिए एक बुरी खबर है. नयी स्टडी के अनुसार केचप लाल, मीठे, रसीले और पके टमाटरों से बनता है जो बढ़ते तापमान के कारण खतरे में हैं

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Climate Change कहीं छीन न ले टोमैटो केचअप का भी स्वाद!

Photo Credit: Zee News

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डीएनए हिंदी : टोमैटो कैचप के शौकीनों के लिए एक बुरी खबर है. एक नए स्टडी के अनुसार तेज़ी से हो रहा जलवायु परिवर्तन आने वाले सालो में टमाटर की ग्लोबल फसल को तेज़ी से प्रभावित करेगा, जिससे दुनिया भर के कई घरों और रेस्तरां में केचप की आपूर्ति काफी हद तक प्रभवित होगी. नयी स्टडी के अनुसार केचप लाल, मीठे, रसीले और पके टमाटरों से बनता है, जो बढ़ते तापमान के कारण खतरे में हैं.

डेनमार्क में आरहूस विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने एक मैथमेटिकल मॉडल बनाया है . जिसे अध्ययन में बताया गया है की कि तेज़ी से बढ़ता तापमान टमाटर के उत्पादन को कैसे प्रभावित करेगा. स्टडी के अनुसार इटली, चीन और कैलिफोर्निया दुनिया के सबसे बड़े टमाटर उत्पादक देश हैं . जो ग्लोबली दो तिहाई टमाटर के सप्लायर हैं. और उन सभी को ग्लोबल वार्मिंग से खतरा है .

2050 दुनियाभर में टमाटर की फसल आधी हो जाएगी

मैथमेटिकल मॉडल के अनुसार आने वाले सालो में जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है .उतनी ही तेज़ी से टमाटर की फसल पर भी असर होगा. और ये स्थिति 2021 से शुरू हो चुकी है. शोधकर्ताओं के मुताबिक सबसे खराब स्थिति 2050 दुनियाभर में टमाटर की फसल आधी हो जाएगी. शोध में आगे कहा गया है कि 2050 तक टमाटर के उत्पादन में 6 % की गिरावट आएगी.सबसे खराब स्थिति में टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में 2040 और 2069 के बीच लगभग 2.6 डिग्री सेल्सियस और अगले 30 वर्षों के लिए 5 डिग्री सेल्सियस के तापमान में वृद्धि शामिल होगी.

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क्लाइमेट चेंज के कारण हर साल कृषि उत्पाद की कीमत बढ़ती जा रही है

नयी स्टडी में येभी कहा गया है की "वायुमंडलीय में CO2 का कंसंट्रेशन का हो सकता है. लेकिन ये ज़्यादा प्रभवित नहीं करेगा. बढ़ते तापमान का हमारे जान जीवन से ले कर खान पान और खेती पर बहुत ज़्यादा प्रभाव पड़ेगा. कम्प्यूटरीकृत गणितीय मॉडल की भविष्यवाणी है .की टमाटर का पेस्ट और केचप बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले टमाटर के प्रोसेसिंग ग्लोबली - 11 सबसे बड़े उत्पादकों में मौजूदा 14 मिलियन टन से घटकर सात मिलियन टन से कम हो जाएगी.जिसकी वजह से आने वाले समय में लगभग हर साल कृषि उत्पादक की कीमत बढ़ती जाएगी और सस्ते दामों में मिलने वाली तीखी चटपटी केचप से ले कर सभी प्रोडक्ट्स की कीमतों पर इसका भारी असर पड़ेगा.

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तापमान पौधों की फीनोलॉजी को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकता है

तापमान का फसलों की वृद्धि और विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है ,और पौधों की फीनोलॉजी को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकता है.टमाटर सहित कई फसलों के लिए जलवायु परिवर्तन के तहत इटली में कृषि संबंधी अनुकूलन रणनीतियों का अध्ययन किया और पाया कि गर्म तापमान के कारण टमाटर फेनोलॉजी 2050 तक बदल सकती है ,और टमाटर की पैदावार को कम कर सकती है. पिछले महीने, एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मार्च और अप्रैल में भारत और पाकिस्तान को झुलसा देने वाली गर्मी की वजह से जलवायु परिवर्तन की संभावना 30 गुना अधिक हो गई थी.

कैसे टमाटर के प्रोडक्शन को कम होने से बचा सकते है

किसान सूखे की अवधि के दौरान, टमाटर उत्पादकों को सीमित जल आपूर्ति के तहत प्रबंधन रणनीतियों को लागू करने की आवश्यकता हो सकती है .General Data Dissemination System (GDDs) की बेहतर समझ के अनुसार वाटर कंज़र्वेशन का सही तरीका किसानो की मदद कर सकता है. वही मिटटी की प्रतिरोधक और उर्वरक क्षमता बढ़ाने के तरीके और काम समय में उगने वाले ह्यब्रीड सीड्स की मदद से फसल और उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है .

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