Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

मच्छरों के लार्वा को खा जाती है ये मछली, डेंगू और मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में जानिए इसका रोल

मानसून में लोग बारिश से निकलने वाले बैक्टीरिया और पानी में पनपने वाले मच्छरों से परेशान हो जाते हैं. यह डेंगू, मलेरिया से लेकर चिकनगुनिया जैसी बीमारियां बढ़ाते हैं. ऐसे में इन्हें काबू करने के नाले, नाली और तालाबों में दवाईयों का छिड़काव किया जाता है. 

Latest News
मच्�छरों के लार्वा को खा जाती है ये मछली, डेंगू और मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में जानिए इसका रोल
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: मानसून का मौसम आते ही बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है. इसमें भी सबसे ज्यादा गंभीर बीमारी है डेंगू. यह मच्छर के काटने के चलते होने वाला बुखार है, जो शरीर में कमजोरी लाने के साथ प्लेटलेट्स को डाउन कर देता है. इन दिनों अस्पतालों में डेंगू के मच्छरों की कतार लगी हुई है. इसकी वजह देश के राज्यों में आई बाढ़, यमुना का जलस्तर और बारिश के पानी का जमा होना है. इसमें डेंगू का लार्वा पनपन जाता है. इसे ही पैदा होने वाला डेंगी मच्छर डेंगू का संक्रमण फैलाता है. इस मच्छर से निपटने के लिए यह मछली बेहद कारगर है. यह मछली डेंगू और मलेरिया के खिलाफ मानों जंग लड़ती है. इसकी वजह मछली द्वारा पानी में पनप रहे लार्वा को चट कर जाना है. 

Diabetes Patient Diet: डायबिटीज मरीज डाइट में जरूर शामिल करें ये 3 दालें, हाई ब्लड शुगर खुद हो जाएगा कंट्रोल

दरअसल इस मछली का नाम गंबूसिया है. यह मछली पानी नीचे नहीं बल्कि ऊपर की ओर तैरती है. यह इस दौरान पानी के सतह पर पनपने वाले मच्छरों के लार्वा को खा जाती है. गंबूसिया इकलौती ऐसी मछली है, जो अंडों की जगह सीधा अपने बच्चों को जन्म देती है. यह मछली एक बार में 80 से 120 बच्चे देते है. वहीं बहुत ही तेजी से लार्वा को साफ करती है. 

बढ़ती बीमारी के बीच किया जाता है इस्तेमाल

एक्सपर्ट्स की मानें तो गंबूसिया मछली 24 घंटे अपने वजन का करीब 40 गुणा मच्छरों का लार्वा खा जाती है. यह डेंगू से लेकर मलेरिया और चिकनगुनिया के खतरे को काफी कम कर देती है. दावा किया जाता है कि गांव और मछली पालन वाले क्षेत्रों में लोग डेंगू और मलेरिया से छुटकारा पाने के लिए इन्हीं मछलियों का इस्तेमाल करते हैं. लोग आसपास भरे तालाब, नदी या फिर पानी स्टोरेज में इन में गंबूसिया मछली को छोड़ देते हैं. यह मछली पानी पनपने वाली लार्वा को खाकर इन बीमारियों का खतरा घटा देती है. 

बेगुण नहीं बड़े काम का है बैंगन, कोलेस्ट्रॉल-डायबिटीज से लेकर इन 5 बीमारियों को करता है कंट्रोल

कहीं भी कर सकते हैं इस मछली का पालन

गंबूसिया मछली का पालन करना बेहद आसान होता है. इस मछली को कहीं भी पालन किया जा सकता है. इसकी वजह ये है कि गंबुसिया मछली को ऑक्सीजन के लिए कोई खास व्यवस्था करने की जरूरत नहीं है. यह मछली आसानी से ड्रम और टब में पैदा हो जाती है. बहुत से किसान इस मछली का पालन कर मानसून के सीजन मोटा पैसा कमाते हैं. इस मछली को लोग खाते भी हैं. ऐसे में इसकी डिमांड बढ़ जाती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement