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बैठते-सोते पैर हिलाना Nerve Blockage का है संकेत, Restless Leg Syndrome के ये लक्षण आप में तो नहीं?

क्या आप या आपका पार्टनर रात में सोते हुए या बैठ रहते हुए अपने पैर बार बार हिलाता (Leg Shaking) है? अगर हां तो इसे नॉर्मल न समझें ये नसों की ब्लॉकेज (Nerve Blockage) से लेकर विटामिन-मिनरल (Vitamin- Minerals Deficiency) की कमी का संकेत भी हो सकता है.

बैठते-सोते पैर हिलाना Nerve Blockage का है संकेत, Restless Leg Syndrome के ये लक्षण आ�प में तो नहीं?

Rest Leg Syndrome

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रेस्ट लेग सिंड्रोम (Restless Leg Syndrome) एक ऐसी बीमारी है जिसमें लोग अपने पैर को हिलाते रहते हैं. खास कर ये समस्या सोते समय ज्यादा होती है. सोते हुए पैरों में फटन (Leg Pain) या एक अजीब सी सनसनी या झुनझुनी का महसूस (Tingling Sensation in Legs) होना कई कारणों से हो सकता है. जब ये समस्या बढ़ती है तो सोते हुए ही नहीं, बैठे हुए भी लोग पैर को रह-रहकर हिलाने लगते हैं. 

असल में ये एक नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या का संकेत है जिसमें पैर को हिलाते रहने की इच्छा होती है. वो इच्छा पैर में हो रही असुविधा के कारण ही होती है. इस समस्या के पीछे सबसे आम कारण है जब पैर की नसों में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन का न होना, इससे पैर की सेल्स तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है. इससे झुनझुनी या दर्द महसूस होता है. कई बार नसों में ब्लॉकेज के कारण भी ऐसा होता है.

इन कारणों से बढ़ती है रेस्ट लेग सिंड्रोम की समस्या:

  1. डायबिटीज
  2. हाइपोथायरायडिज्म
  3. एनिमिया
  4. विटामिन डी की कमी
  5. कैल्शियम की कमी
  6. मैग्निशियम की कमी 
  7. हाई कोलेस्ट्रॉल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (एनआईएनडीएस) के अनुसार, आनुवंशिक समस्याएं (Genetic Problems) भी हो सकती है. एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि बेचैन पैर सिंड्रोम गुर्दे की बीमारी, तंत्रिका समस्याओं और परिधीय न्यूरोपैथी से जुड़ा हुआ है.

बेचैन पैर सिंड्रोम से राहत पाने के लिए क्या करें?

1-अगर आप ऊपर दी गई बीमारी से पीड़ित हैं तो उसे कंट्रोल करें और अगर आपको ये बीमारियां नहीं है तो भी इनका टेस्ट करा लें. 

2-रेस्ट लेग सिंड्रोम को कम करने में सिकाई बहुत काम आती है. मेडिकेटेड कंप्रेस पैड भी आपके पैरों की समस्या दूर कर सकता है. आप चाहें तो घर पर ही आसानी से कंप्रेस कर सकते हैं. एक पतले सूती कपड़े को गर्म या ठंडे पानी में भिगोकर, निचोड़कर पैरों पर बांध लें.

3-कैल्शियम,आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर चीजें लें या इसके सप्लीमेंट ब्लड टेस्ट कराने के बाद कमी होने पर ले सकते हैं. इसके अलावा आप मैग्नीशियम ग्लाइसीनेट साबून को पानी के टब में डाल दें और इसमें पैरों को डुबो कर कुछ देर रखें. इससे भी रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम ठीक होता है.

4-रात को बिस्तर पर लेटते समय भारी कंबल या चादर ओढ़कर सोएं या पैरों के नीचे तकिया लगा दें. यानी पैर को ऊपर कर दें. ये रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम को काफी हद तक कम करने में मदद करता है.

5-रात को सोने से पहले कॉफी या कोई भी शराब पीने और धूम्रपान करने से बचें. 

यहां रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के घरेलू उपचार बताए गए हैं. लेकिन अगर यह दूर नहीं होता है और बढ़ता रहता है तो आपको बिना देरी इसे डॉक्टर से संपर्क करें.
 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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