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Nightmares: बार-बार बुरे सपने देख अचानक से जग जाता है बच्चा? बढ़ सकता है इस गंभीर बीमारी का खतरा, जानिए क्या है इसकी वजह

Nightmares: अगर आपका बच्चा बार-बार बुरे सपने देख कर जग जाता है, तो इससे बच्चे में पार्किंसन रोग का खतरा बढ़ सकता है. जानिए कारण और देखभाल का तरीका.

Nightmares: बार-बार बुरे सपने देख अचानक से जग जाता है बच्चा? बढ़ सकता है इस गंभीर बीमारी का खतरा, जानिए क्या है इसकी वजह

बुरे सपने देख अचानक से जग जाता है बच्चा? बढ़ सकता है इस गंभीर बीमारी का खतरा

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डीएनए हिंदी: बच्चों को अक्सर रात में बुरे सपने आते हैं, जिसकी वजह से वो जग जाते हैं. ऐसा कम ही होता है. लेकिन अगर आपका बच्चा बार-बार बुरा सपना देख कर जग जाता है, तो इसपर खास ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि इससे पार्किंसन रोग का खतरा बढ़ सकता है. दरअसल पार्किंसंस रोग (PD) एक प्रोग्रेसिव डिसऑर्डर है, जो नर्व सेल्स के डिजेनरेशन की वजह से होता है. इसके चलते बैलेंस बनाने में मुश्किल होती है और इससे पैरों व जबड़ों में कंपकपी होने लगती है. इतना ही नहीं इससे बॉडी स्लो मूवमेंट करने लगती है. 

हाल ही में बर्मिंघम सिटी हॉस्पिटल में हुए एक शोध के मुताबिक, बचपन में अक्सर परेशान करने वाले सपने या बुरे सपने डिमेंशिया और पार्किंसन रोग के शुरूआती या संभावित कारण हो सकते हैं.

अध्यन में सामने आई ये बात

इस शोध में 7 से 11 साल के 6,991 बच्चों को शामिल किया गया और इस उम्र के दौरान उन्हें परेशान करने वाले सपनों का आकलन किया गया. ऐसे में जिन बच्चों को परेशान करने वाले सपने नहीं आते थे उनकी तुलना में जिन बच्चों को लगातार परेशान करने वाले यानी बुरे सपने आते थे, उनमें 50 साल की उम्र तक पार्किंसन रोग होने की संभावना 85 प्रतिशत ज्यादा थी.

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क्या है हेल्थ एक्सपर्ट की राय 

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, संभावना है कि कुछ लोगों के लिए परेशान करने वाले सपने पार्कंसन रोग, डिमेंशिया या अल्जाइमर के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं. ये रोग दिमाग के सामने के दाहिने हिस्से में न्यूरोडीजेनरेशन के कारण होता है. इसमें रैपिड आई मूवमेंट (REM) नींद के दौरान नकारात्मक भावनाओं को कम करने के लिए जरूरी होते हैं.

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पेरेंट्स इस तरह रखें ध्यान

एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसी सिचुएशन में पेरेंट्स अपने बच्चों से बात करें और उन्हें ये भरोसा दिलाएं कि सब कुछ ठीक है. ऐसे में जरूरी है कि पेरेंट्स ज्यादा समय अपने बच्चे के साथ बिताएं और उन्हें गैजेट्स के कम संपर्क में आने दें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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