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Corona Virus, दिल की बीमारियों और आर्थराइटिस से लड़ने में मददगार है चमगादड़ से मिला 'बैट प्रोटीन', जानिए कैसे करता है काम

Bat Protein: चमगादड़ से मिला 'बैट प्रोटीन' आपको जवान रखेगा और कोविड, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों से भी बचाएगा. यहां जानिए इसके बारे में...

Corona Virus, दिल की बीमारियों और आर्थराइटिस से लड़ने में मददगार है चमगादड़ से मिला 'बैट प्रोटीन', जानिए कैसे करता है काम

Corona Virus दिल की बीमारियों और आर्थराइटिस से लड़ने में मदद करता है बैट प्रोटीन

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डीएनए हिंदी: हाल ही में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने बैट यानी चमगादड़ में खास तरह का प्रोटीन खोजा है. आपको यह जान कर हैरानी हो रही होगी लेकिन रिसर्च करने वाली सिंगापुर की Duke-NUS मेडिकल स्कूल की टीम ने चमगादड़ में ऐसे  प्रोटीन की खोज की है जो इंसानों की इम्युनिटी को इतना बढ़ा सकता कि वो कोविड, दिल की बीमारियों और आर्थराइटिस जैसे रोगों से लड़ सकें. इस प्रोटीन को 'बैट प्रोटीन' (Bat Protein) का नाम दिया गया है. दावा किया जा रहा है कि यह प्रोटीन कोविड, आर्थराइटिस और दिल की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. 

इतना ही नहीं ये बढ़ती उम्र के असर को भी कम करेगा. बैट प्रोटीन इंसानों को किस तरह से बीमरियों से बचा सकता है, इसकी जानकारी वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च में दी है...

क्या कहती है रिसर्च

दरअसल रिसर्च कहती है कि औसतन चमगादड़ 20 साल तक जीता है और इसके शरीर में इबोला और कोविड जैसे वायरस मौजूद होते हैं. इसके बावजूद उस पर संक्रमण का कोई असर नहीं होता है. 

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इसी खूबी को समझने के लिए हुए रिसर्च

चमगादड़ की इसी खूबी को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने रिसर्च की और पता लगाया कि कैसे उसकी इसी खूबी का इस्‍तेमाल इंसानों को बीमारियों से बचाने में किया जा सकता है. 

कितना अलग है ये प्रोटीन

ऐसे में वैज्ञानिकों ने बैट प्रोटीन के असर को समझने के लिए चूहों पर इसका प्रयोग किया. वैज्ञानिकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्‍होंने चमगादड़ से ऐसा प्रोटीन (bat ASC2) खोजा जो शरीर में इम्‍यून सिस्‍टम को बेहतर बनाने में मदद करता है ताकि शरीर में संक्रमण और बीमारियों से लड़ा जा सके और रिसर्च टीम का कहना है कि स्‍टडी में यह असरदार साबित हुआ है.

ट्रायल में ये बात आई सामने

वहीं वैज्ञानिकों ने जब चूहे में ASC2 प्रोटीन को इंजेक्‍ट किया तो कुछ समय बाद उसके शरीर में बदलाव हुआ. दरअसल उसके शरीर में ऐसे बदलाव दिखाई दिए जो इंफ्लेमेशन को रोकने का काम करते हैं और ये ऐसे बदलाव थे जो शरीर में वायरस होने के बावजूद उसके असर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. ऐसे में जब इस प्रोटीन का इस्‍तेमाल इंसानों की कोशिकाओं में किया गया तो इन कोशिकाओं ने खुद को बीमारी से बचाने से लिए तैयार करना शुरू कर दिया.

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कैसे करता है ये प्रोटीन काम 

दरअसल जब शरीर में इसका संक्रमण होता है तो इम्‍यून सिस्‍टम का हिस्‍सा इन्फ्लामासोम अहम रोल निभाता है. लेकिन कई बार शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम बेकाबू होने लगता है और शरीर को फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान पहुंचाने लगता है. ऐसे में बैट प्रोटीन इन्फ्लामासोम को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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