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Cervical Spondylosis: बढ़ रहा है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, जानें क्या है इसकी वजह और कैसे करें इसका इलाज?

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण गर्दन में दर्द, अकड़न और चक्कर आना देखा जाता है. सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण गर्दन में दर्द, अकड़न और चक्कर आना जैसे लक्षण होते हैं. इसका समय पर इलाज करना बहुत जरूरी है. लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी दर्द को कम कर सकते हैं.

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Cervical Spondylosis: बढ़ रहा है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, जानें क्या है इसकी वजह और कैसे करें इसका इलाज?

गर्दन में दर्द  

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ऑफिस में काम का तनाव, घंटों मोबाइल और लैपटॉप में बिताना, गलत तरीके से बैठना, गलत तरीके से सोना, व्यायाम की आदत की कमी जैसी कई चीजें हैं जो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की समस्या का शिकार बनाती हैं. इस समस्या के कई समाधान हैं. लेकिन लंबे समय तक अगर आपने इस समस्या को इग्नोर किया तो ये समस्या स्थाई हो सकती है और जीवन भर आपको कई तरह की परेशानियों में डाल सकती है.

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस क्या है?

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक गंभीर बीमारी है जिसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन आ जाती है. यह रोग मुख्य रूप से सर्वाइकल स्पाइन को प्रभावित करता है. इसे सर्वाइकल  ऑस्टियोआर्थराइटिस और गर्दन गठिया के रूप में भी जाना जाता है. इस बीमारी में गर्दन की हड्डी, रीढ़ की हड्डी और डिस्क सबसे ज्यादा प्रभावित होती है.

इस समस्या के कारण गर्दन में दर्द, अकड़न और सिर घुमाने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. इसका समय पर इलाज करना बहुत जरूरी है. लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी दर्द को कम कर सकते हैं.

गरम पानी से धो लें

गर्म पानी से नहाने से आपको थोड़ी राहत मिलेगी. इसके लिए गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाएं और उसमें एक तौलिया भिगोकर दर्द वाली जगह पर 15 से 20 मिनट के लिए रखें. आपको दर्द से काफी राहत मिलेगी.

बर्फ की सेंक दें

अगर आप गर्म पानी की सेंक न देना चाहें तो बर्फ की सेंक भी गर्दन पर दे सकती हैं. बर्फ को कपड़े में लपेटकर दर्द वाली जगह पर 10 से 15 मिनट के लिए रखें. इससे सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलेगी.

हल्दी वाला दूध

हल्दी वाला दूध पियें. इसके लिए सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पिएं.

लहसुन का प्रयोग

दर्द में कच्चे लहसुन का सेवन फायदेमंद होता है. लहसुन में प्राकृतिक सूजनरोधी गुण होते हैं, इसलिए रोज सुबह खाली पेट 1 से 2 कच्चे लहसुन की कलियां खाएं.

तिल का तेल

तिल के तेल को गर्म करके गर्दन और कंधों पर धीरे-धीरे लगाने से मांसपेशियों की अकड़न दूर होगी और दर्द से राहत मिलेगी.

योग और स्ट्रेचिंग

कुछ हल्के योगासन और स्ट्रेचिंग व्यायाम जैसे भुजंगासन, हलासन और मार्जरीआसन भी गर्भाशय के दर्द से राहत दिला सकते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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