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मोदी और बाइडेन नहीं पीते शराब, हिटलर को था बीयर शौक, पढ़ें अन्य नेताओं को क्या है पसंद

हिटलर शराब नहीं पीते थे. उन्हें बस बियर का स्वाद पसंद था. उनके साम्यवादी समकालीन स्टालिन रात-रात भर चलने वाली युद्ध मंत्रणा में पानी पीते थे.

मोदी और बाइडेन नहीं पीते शराब, हिटलर को था बीयर शौक, पढ़ें अन्य नेताओं को क्या है पसंद
मोदी और जो बिडेन हैं टी टोटलर

डीएनए हिंदी: क्या आपको मालूम है मोदी जी केवल चाय पीते हैं? मोदी जी ही नहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप, और वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन भी केवल चाय पीने वालों में शामिल हैं. हिटलर को शराब पसंद थी या नहीं, उनके समकालीन स्टालिन और चर्चिल को क्या पसंद था? दुनिया के बाक़ी नेताओं के बारे में क्या ख़याल है? उन्हें कौन सा पेय अधिक रुचता होगा?

 इतिहास के नेताओं के शौक

हिटलर शराब नहीं पीते थे. उन्हें बस बियर का स्वाद पसंद था. उनके साम्यवादी समकालीन स्टालिन रात-रात भर चलने वाली युद्ध मंत्रणा में पीते थे पानी, लोगों को बताते थे वोडका. शराब वाली असली दोस्ती बस रूजवेल्ट और चर्चिल में थी. दोनों भयंकर शराबी थे. कहा जाता है कि स्टालिन बाकी लोगों के नशे में होने का फ़ायदा उठाते थे. वे अपने सहयोगियों को पिला-पिला कर उनसे भीतरी जानकारी निकलवाया करते थे. चर्चिल इतने शराबी थे कि नशे में कुछ भी बोल देते थे.

शराब  पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे रूजवेल्ट

रूजवेल्ट अमेरिका के सबसे अधिक शराबी राष्ट्रपतियों में गिने जाते हैं. उनके ठीक पीछे ही जॉन ऍफ़ कैनेडी और जॉर्ज डब्लू बुश सीनियर का नाम है. बुश सीनियर को तो शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था.

दुनिया को बदलने वाले नेताओं में मार्टिन लूथर किंग का बीयर प्रेम जग जाहिर था. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप अपने आपको केवल चाय-सेवी बताते थे. उनका कहना था कि उन्होंने कभी शराब को हाथ भी नहीं लगाया है. अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शराब नहीं पीते हैं.

कौन से भारतीय नेताओं को रहा शराब से प्रेम

देसी नेताओं में अटल जी को मंहगी मदिरा से ख़ास प्रेम था. सुब्रमण्यम स्वामी तो उन पर अल्कोहोलिक होने का आरोप सरेआम लगा चुके हैं. इस बारे में 1997 में तमिल पत्रिका कुमुदम में लिख भी चुके हैं. अटल जी देश के सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक हैं. महात्मा गांधी अपनी किताब में लिखते हैं कि शराब का सेवन उन्होंने भी किया था. उनको तो माता पुतली बाई ने न पीने की कसम भी दी थी.