डीएनए हिंदी: Bhadrapada Sankashti Chaturthi Vrat 2022- इस वर्ष भाद्रपद मास में संकष्टी चतुर्थी पर्व का महत्व अधिक बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि संकष्टि चतुर्थी व्रत के दिन ही बहुला चतुर्थी व्रत भी रखा जाएगा जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. भाद्रपद मास में संकष्टी चतुर्थी व्रत कल यानि 15 अगस्त (Bhadrapada Sankashti Chaturthi Vrat 2022 Date) को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और व्यक्ति के जीवन से दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन क्या है पूजा मुहूर्त और इस व्रत का महत्व आइए जानते हैं.
कल यानी 15 अगस्त को भगवान श्री गणेश को समर्पित संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि रात 9:01 तक रहेगी. चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र देव के दर्शन करने से व्रत का पूरा फल मिलता है यही कारण है कि इस दिन चंद्रोदय का समय भी जानना जरूरी है. व्रत के दिन चंद्रोदय रात 9:27 पर होगा. चंद्रोदय के समय चंद्र देव के दर्शन करें और उन्हें अर्घ्य दें. इसके बाद व्रत का पारण करें.
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संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 से 12:52 तक है. इस बीच धृति योग का भी निर्माण हो रहा है जो सुबह से लेकर रात 11:24 तक रहेगा. शास्त्रों में इस योग को अत्यंत फलदायी बताया गया है. बता दें कि इस शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों को बहुत लाभ होगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है जिसे बहुत लाभकारी योग माना गया है. इस योग में पूजा करने से दान धर्म करने से शक्ति और समृद्धि में वृद्धि होती है और सुख ऐश्वर्या और शांति में बढ़ोतरी होती है.
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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