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भगवान शिव की इस प्रिय चीज़ के होते हैं कई Types, जानिए महत्व भी

मान्यता यह है कि रूद्राक्ष को धारने करने वाले व्यक्ति के जीवन से पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं. जानिए कितने प्रकार के रुद्राक्ष होते हैं.

भगवान शिव की इस प्रिय चीज़ के होते हैं कई Types, जानिए महत्व भी
रुद्राक्ष

डीएनए हिंदी: भगवान महादेव (Lord Shiva) के आशीर्वाद के लिए श्रद्धालु तरह-तरह के उपवास और मन्नतें मांगते हैं.  मान्यता यह है कि भोलेनाथ (Bholenath) अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं. चाहे बेल का पत्ता हो या भांग-धतूरा हो महादेव छोटी-छोटी बातों से खुश हो जाते हैं. यदि केवल आप रुद्राक्ष धारण करके भी भगवान शिव की आराधना करेंगे तो आपको कई प्रकार की सफलताएं प्राप्त होंगी. लेकिन क्या जानतें हैं कि भगवान शिव के प्रिय रुद्राक्ष (Rudraksha) के कुल कितने प्रकार होते हैं और उनके पहनने से क्या-क्या लाभ होते हैं? मान्यता यह भी है कि रूद्राक्ष को धारने करने वाले व्यक्ति के जीवन से पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं.

शिवमहापुराण में कुल सोलह प्रकार के रूद्राक्ष (Types of Rudraksha) बताएं गए है, आइए जानते हैं क्या हैं इन रुद्राक्ष का महत्व (Rudraksha ke Fayde).

1. एक मुखी रुद्राक्ष (Ek Mukhi Rudraksha)- इसे पहनने से धन, सफलता की प्राप्ति होती है और जाप करने के लिए यह रुद्राक्ष सबसे उत्तम है. 

देवता: भगवान शंकर, ग्रह: सूर्य, राशि: सिंह

मंत्र- ।। ॐ ह्रीं नम: ।। 

2. दो मुखी रुद्राक्ष (Do Mukhi Rudraksha)- इसे धारण करने से आत्‍मविश्‍वास और मन की शांति की प्राप्ति होती है. 

देवता: भगवान अर्धनारिश्वर, ग्रह: चंद्रमा, राशि: कर्क

मंत्र- ।। ॐ नम: ।।

3. तीन मुखी रुद्राक्ष (Teen Mukhi Rudraksha)- इसे धारण करने से मन की शुद्धि और स्‍वस्‍थ जीवन प्राप्त होता है.

देवता: अग्नि देव, ग्रह: मंगल, राशि: मेष और वृश्चिक

मंत्र- ।। ॐ क्‍लीं नम: ।।

4. चार मुखी रुद्राक्ष (Char Mukhi Rudraksha)- इसे मानसिक क्षमता, एकाग्रता और रचनात्‍मकता के लिए धारण किया जाता है. 

देवता: ब्रह्म देव, ग्रह: बुध, राशि: मिथुन और कन्‍या

मंत्र- ।। ॐ ह्रीं नम: ।।

5. पांच मुखी रुद्राक्ष (Panch Mukhi Rudraksha)- इसे ध्‍यान और आध्‍यात्‍मिकता के लिए धारण किया जाता है.

देवता: भगवान कालाग्नि रुद्र, ग्रह: बृहस्‍पति, राशि: धनु व मीन

मंत्र- ।। ॐ ह्रीं नम: ।।

6. छह मुखी रुद्राक्ष (Chah Mukhi Rudraksha)- ज्ञान, बुद्धि, संचार कौशल और आत्‍मविश्‍वास के लिए इन्हें धारण किया जाता है. 

देवता: भगवान कार्तिकेय, ग्रह: शुक्र, राशि: तुला और वृषभ

मंत्र : ।। ॐ ह्रीं हूं नम:।।

7. सात मुखी रुद्राक्ष (Saat Mukhi Rudraksha)- इसे आर्थिक और करियर में विकास के लिए धारण किया जाता है. 

देवता: माता महालक्ष्‍मी, ग्रह: शनि, राशि: मकर और कुंभ

मंत्र- ।। ॐ हूं नम:।।

8. आठ मुखी रुद्राक्ष (Aath Mukhi Rudraksha)- करियर में आ रही बाधाओं और मुसीबतों को दूर करने के लिए किया जाता है धारण. 

देवता: भगवान गणेश, ग्रह: राहु

मंत्र- ।। ॐ हूं नम:।।

9. नौ मुखी रुद्राक्ष (Nau Mukhi Rudraksha)- इसे ऊर्जा, साहस,  शक्‍ति और निडरता पाने के लिए धारण किया जाता है. 

देवता: माँ दुर्गा, ग्रह: केतु

मंत्र- ।। ॐ ह्रीं हूं नम:।।

10. दस मुखी रुद्राक्ष (Dus Mukhi Rudraksha)- इस रुद्राक्ष को नज़र दोष एवं वास्‍तु, नकारात्‍मक शक्‍तियों और कानूनी मामलों से रक्षा के लिए धारण किया जाता है. 

देवता: भगवान विष्‍णु

मंत्र- ।। ॐ ह्रीं नम: ।।

11. ग्‍यारह मुखी रुद्राक्ष (Gyarah Mukhi Rudraksha)- इसे निर्णय लेने की क्षमता, आत्‍मविश्‍वास में बढ़ोतरी, क्रोध नियंत्रण और यात्रा के दौरान नकारात्‍मक ऊर्जा से सुरक्षा पाने के लिए पहना जाता है.

देवता: हनुमान, ग्रह: मंगल, राशि: मेष और वृश्चिक

मंत्र- ।। ॐ ह्रीं हूं नम:।।

12. बारह मुखी रुद्राक्ष (Barah Mukhi Rudraksha)- इसे नाम, शोहरत, सफलता, प्रशासनिक कौशल और नेतृत्‍व करने के गुणों का विकास करने के लिए धारण किया जाता है. 

देवता सूर्य देव, ग्रह- सूर्य, राशि: सिंह

मंत्र- ।। ॐ रों शों नम: ऊं नम:।।

13. तेरह मुखी रुद्राक्ष (Terah Mukhi Rudraksha)- इसे आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए और आकर्षण में वृद्धि के लिए धारण किया जाता है. 

देवता: इंद्र देव, ग्रह: शुक्र, राशि: तुला और वृषभ

मंत्र- ।। ॐ ह्रीं नम:।।

14. चौदह मुखी रुद्राक्ष (Chaudah Mukhi Rudraksha)- छठी इंद्रीय जागृत की क्षमता प्रदान करने के उद्देश्य से धारण किया जाता है. 

देवता: शिव जी, ग्रह: शनि, राशि: मकर और कुंभ

मंत्र- ।। ॐ नम:।।

15. गणेश रुद्राक्ष (Ganesh Rudraksha)- इसे ज्ञान, बुद्धि और एकाग्रता में वृद्धि, सफलता के लिए, और केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए धारण किया जाता है.

देवता: भगवान गणेश

मंत्र- ।। ॐ श्री गणेशाय नम:।।

16. गौरी शंकर रुद्राक्ष (Gauri Shankar Rudraksha)- परिवार में सुख-शांति, विवाह में शीघ्रता, संतान प्राप्ति के लिए और मानसिक शांति के लिए धारण किया जाता है. 

देवता: भगवान शिव-पार्वती, ग्रह: चंद्रमा, राशि: कर्क

मंत्र- ।। ॐ गौरी शंकराय नम:।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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