पितृपक्ष में पितरों का तर्पण से लेकर दान करना बेहद शुभ होता है. मान्यता है कि पितृपक्ष में पूर्वज धरती पर आकर अपने परिवार के पास पहुंचते हैं.
पितृपक्ष में पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण के साथ ही दान का बड़ा महत्व है. दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं. इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्ति के साथ ही पितृदोष दूर हो जाता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जो भूलकर भी पितृपक्ष में दान नहीं करनी चाहिए. इससे न सिर्फ पितृदोष लगता है. पितृ नाराज होने के साथ ही ग्रह दशा को प्रभावित करते हैं. इससे व्यक्ति को धनहानि से लेकर स्वास्थ्य तक पर प्रभाव पड़ता है. राजा भी रातों रात रंक हो जाता है.
1.इन चीजों का नहीं करने चाहिए दान
पितृपक्ष में कई ऐसी चीजें बताई गई हैं, जिनका दान नहीं करना चाहिए. इन चीजों के दान पितृ नाराज हो जाते हैं. वहीं पितृदोष प्रकट होता है. इससे बचने के लिए पितृपक्ष में भूलकर भी इन 5 चीजों का दान न करें.
2.झाड़ू का दान
झाड़ू को घर की लक्ष्मी समान माना जाता है. इसलिए भूलकर भी पितृपक्ष में झाड़ू का दान नहीं करना चाहिए. इन दिनों में घर में नई झाड़ू खरीदकर भी नहीं लानी चाहिए. इससे धन संबंधी समस्याएं आने लगती है. व्यक्ति की आर्थिंक स्थिति खराब हो जाती है.
3.नमक का दान
पितृपक्ष में व्यक्ति को भूलकर भी नमक का दान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो जाते हैं. उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती. वहीं व्यक्ति को कष्ट और कंगाली का सामना करना पड़ता है.
4.लोहे के बर्तन का दान
पितृपक्ष में भूलकर भी लोहा, स्टील या फिर टूटे फूटे बर्तनों का दान न करें. पितृपक्ष में ऐसा करना आपको पितृदोष से प्रभावित कर सकता है. यह आपके जीवन को संकटों से भर सकता है.
5.कपड़ों का दान
पितृपक्ष के समय व्यक्ति को भूलकर भी पुराने कपड़ों से लेकर जूते चप्पलों का दान नहीं देना चाहिए. इससे पितृ नाराज हो जाते हैं. यह राहु ग्रह को प्रभावित करते हैं. व्यक्ति का जीवन समस्याओं से घिर जाता है.
6.सरसों का तेल
आम दिनों में सरसों का तेल देना शुभ होता है, लेकिन पितृपक्ष में तेल का दान अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से पितृ नाराज हो जाते हैं. साथ ही शनि देव की क्रूर दृष्टि पड़ती है.