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Budh Pradosh Vrat: आज बुध प्रदोष व्रत पर है बेहद खास संयोग, सौभाग्य और सफलता के लिए ऐसे करें महादेव की पूजा

माघ मास का बुध प्रदोष व्रत 21 फरवरी को सौभाग्य योग और पुष्य नक्षत्र में रखा जाएगा. व्रत के दिन सुबह से आयुष्मान योग रहेगा, जो 11 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगा. फिर भाग्योदय होगा, जो पूरी रात चलेगा. वहीं पुनर्वसु नक्षत्र सुबह से दोपहर 2.18 बजे तक है और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होगा.

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Budh Pradosh Vrat: आज बुध प्रदोष व्रत पर है बेहद खास संयोग, सौभाग्य और सफलता के लिए ऐसे करें महादेव की पूजा

Budh Pradosh Vrat

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माघ मास का आखिरी प्रदोष व्रत बुधवार 21 फरवरी को माघ शुक्ल त्रयोदशी पर मनाया जाएगा. इस समय शुक्ल पक्ष चल रहा है और त्रयोदशी पर आने वाला प्रदोष इस माह का आखिरी प्रदोष व्रत होगा. माघ पूर्णिमा के बाद फिर फाल्गुन कृष्ण पक्ष का प्रदोष आएगा. माघ माह का आखिरी प्रदोष बुधवार को है इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत होगा.

ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजुमदार के अनुसार इस समय बुध प्रदोष व्रत आयुष्मान और सौभाग्य योग में है. इसके अलावा उस दिन पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र भी है. जो लोग प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक करना चाहते हैं उनके लिए भी यह शुभ समय है. आइए जानते हैं माघ का बुध प्रदोष व्रत कब है? बुध प्रदोष व्रत की पूजा का समय क्या है?

बुध प्रदोष व्रत कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार माघ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 21 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से हो रहा है. यह तिथि 22 फरवरी गुरुवार को दोपहर 01:21 बजे समाप्त हो रही है. प्रदोष व्रत के लिए प्रदोष काल पूजा शुभ मानी जाती है. इस आधार पर बुध प्रदोष व्रत 21 फरवरी को मनाया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि त्रयोदशी तिथि 22 फरवरी को दोपहर में समाप्त हो रही है.

प्रदोष व्रत का शुभ समय 2024
21 फरवरी को बुद्ध प्रदोष व्रत रखने वालों को शिव पूजा के लिए ढाई घंटे से ज्यादा का समय मिलेगा. माघ मास के बुद्ध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय सुबह 06:15 से 08:47 तक है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 05:13 बजे से प्रातः 06:04 बजे तक है.

माघ में बुध प्रदोष व्रत की पूजा सौभाग्य योग और पुष्य नक्षत्र में की जाएगी. व्रत के दिन सुबह से आयुष्मान योग रहेगा, जो 11 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगा. फिर भाग्योदय होगा, जो पूरी रात चलेगा. वहीं पुनर्वसु नक्षत्र सुबह से दोपहर 2.18 बजे तक है और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होगा. बुध प्रदोष व्रत के दिन बनने वाले दोनों योग शुभ हैं और नक्षत्र भी अच्छे हैं. इसमें प्रार्थना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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