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​सिखों के सर्वोच्च अकाल तख्त के ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छोड़ा पद, ज्ञानी रघुबीर होंगे नए जत्थेदार

एसजीपीसी की लंबी बैठक के बाद सिखों के सबसे सर्वोच्च अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को बदल दिया गया है. अब नए जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह होंगे.

​सिखों के सर्वोच्च अकाल तख्त के ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छोड़ा पद, ज्ञानी रघुबीर होंगे नए जत्थेदार
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डीएनए हिंदी: सिखों के सबसे सर्वोच्च अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को बदल दिया गया. जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस पद को छोड़ दिया. अब नए जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह होंगे. इसका फैसला एसजीपीसी की केमिटी में किया गया. हालांकि इसके पीछे की वजह अलग अलग बताई जा रही है. वहीं एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट ने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने यह पद अपनी इच्छा से छोड़ा है. 

अकाल तख्त साहिब जत्थेदार बने ज्ञानी रघुबीर सिंह अब नए और स्थायी जत्थेदार होंगे. इसके साथ वे स्वर्ण मंदिर के प्रमुख ग्रंथी के रूप में भी सेवाएं देंगे. ज्ञानी रघुबीर सिंह इसे पहले श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार थे. अब उनकी जगह पर केशगढ़ साहिब के नए जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह होंगे.

अपनी मर्जी से छोड़ा पद

ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पद छोड़ने के बाद चर्चाएं तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि उन्हें हटाया गया है. हालांकि इस पर एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह ने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपनी इच्छा से यह पद छोड़ा है. बैठक में वह मौजूद नहीं हो सकें थे. इसलिए उनसे फोन पर बात की गई थी. उन्हीं के अपनी मर्जी से पद छोड़ने के बाद बाद यह फैसला लिया गया. हरप्रीत सिंह अस्थाई जत्थेदार थे. उन्होंने खुद स्थाई जत्थेदार नियुक्त करने की मांग की थी.

नियुक्ति को विवादों से रखा जाए दूर

पिछले काफी समय से ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने की चर्चा चल रही थी. अंदरखाने यह बात हो रही थी. इसकी वजह अकाली दल उनसे नाराज होना था. यह नाराजगी उनके राजनीति झुकाव और आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्‌ढा की सगाई में जाने को लेकर हुई थी. वहीं एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह ने इस नियुक्ति को विवादों से दूर रखने की बात कहीं है.

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