Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Ayodhya Ram Mandir: रामलला के मूर्ति के लिए शालिग्राम पत्थर पर छेनी-हथौड़ी चलने से आ सकती है तबाही? जानें क्यों होने लगा विरोध

राम लला की मूर्ति के लिए नेपाल से आई शालिग्राम की शिला पर छेनी-हथौड़ी चलने से तबाही होने की आशंका प्राचीन पीठ तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमह

Latest News
Ayodhya Ram Mandir: रामलला के मूर्ति के लिए शालिग्राम पत्थर पर छेनी-हथौड़ी चलने से आ स�कती है तबाही? जानें क्यों होने लगा विरोध

Ramlala: रामलला के मूर्ति के लिए शालिग्राम पत्थर पर छेनी-हथौड़ी चलने का विरोध

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः नेपाल के गंडकी नदी से निकले करीब 6 करोड़ साल पुराने शालिग्राम के पत्थर के अयोध्या पहुंचते ही एक नया विवाद खड़ा हो गया है. पत्थर के प्रतिमा बनाए जाने से अनहोनी की आशंका जताई जा रही है. अयोध्या के सबसे प्राचीन पीठ तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को एक पत्र लिख कर अहिल्या रूपी पत्थर पर छेनी-हथौड़ी न चलाए जाने की अपील की है. उनका कहना है कि इस पत्थर पर अगर छेनी-हथौड़ी चली तोतबाही आ सकती है.  

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य 2024 तक पूरा हो जाएगा और राम लला के दर्शन भी हो सकेंगे, लेकिन भगवान श्रीराम की मूर्ति के लिए शालिग्राम के पत्थर पर ही विवाद खड़ा होने लगा है. क्या है ये पूरा मामला और इसका धार्मिक पक्ष चलिए जान लें. 

बता दें कि नेपाल के जनकपुर से दो शिलाएं अयोध्या पहुंच चुकी हैं, लेकिन अब शिला से किसी भी तरह के छेड़छाड़ करने से तबाही की आशंका को लेकर धार्मिक विवाद शुरू हो गया है.

शिलाओं के बारे में कहा जा रहा है कि इस शिला में श्रीहरि विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी जी का भी वास होता है.शालिग्राम की नहीं होती प्राण-प्रतिष्ठा: श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी जी का स्वयं स्वरूप होने के कारण शालिग्राम शिला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है. इस पत्थर को सीधे-सीधे स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी जाती है. शालिग्राम की दूसरी छोटी शिला को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं. कोई माता जनकी की मूर्ति निर्माण की बात कर रहा है तो प्रभु लक्ष्मण की तो कई कह रहा है कि, सभी भाईयों की मूर्तियां बनाई जाएंगी.

रामलला के मूर्ति के लिए शालिग्राम पत्थर पर छेनी-हथौड़ी चलने से आ सकती है तबाही?

अयोध्या के सबसे प्राचीन पीठ तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने यह मांग की है कि अगर शालिग्राम शिला पर छेनी-हथौड़ी न चलाने की अपील कर दी है. पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य का कहना है कि शालिग्राम शिला अपने आप में स्वयं नारायण की स्वरूप है. ऐसे में भगवान के उपर छेनी और हथौड़े से प्रहार स्वीकार नहीं होग. यदि ऐसा होगा तो देश औकर दुनिया में भयंकर तबाही आएगी.


देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement